जब यह स्पष्ट हो गया था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सहयोग से शिवसेना सरकार बनाने जा रही है तब यह खबर आना हैरान करने वाला रहा कि देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। यह शपथग्रहण समारोह इसीलिए संभव हो सका, क्योंकि अजीत पवार एक बड़ी संख्या में विधायकों को लेकर भाजपा के साथ आ खड़े हुए। शरद पवार की मानें तो उन्हें कुछ पता नहीं कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ, लेकिन उन पर जो लोग यकीन नहीं कर पा रहे उनमें कांग्रेसी नेता भी हैैं। कहना कठिन है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की टूट कितनी बड़ी है और उसके जरिये फड़नवीस सरकार बहुमत साबित कर पाएगी या नहीं, लेकिन इसमें किसी को संशय नहीं होना चाहिए कि जब मौकापरस्ती की राजनीति सर्वोपरि हो जाए तो नैतिकता की राजनीति की बलि ही चढ़ती है। यदि शिवसेना ने अपनी सत्तालोलुपता के चलते जनादेश का निरादर नहीं किया होता तो जो स्थिति बनी उससे बचा जा सकता था।

चुनाव नतीजे के बाद मौकापरस्त शिवसेना नेतृत्व पता नहीं कहां से यह खोज लाया कि भाजपा ने उससे यह वादा किया था कि दोनों दलों के नेता बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनेंगे? शिवसेना अपनी जिद पर न केवल अड़ी रही, बल्कि मोदी सरकार से छिटक कर इतनी दूर चली गई कि वापस लौटने की गुंजाइश ही खत्म हो गई। उसने यह मुगालता भी पाल लिया कि भाजपा से नाता तोड़ने के बाद कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता उसकी सरकार बनाने के लिए तत्पर हो जाएंगे। इन दोनों दलों ने तत्परता दिखाने के बजाय असमंजस दिखाया। इसके बाद भी शिवसेना यही मानती रही कि भाजपा हाथ पर हाथ रखकर बैठ गई है। गत दिवस का घटनाक्रम यह साबित कर रहा है कि ऐसा नहीं था।

शायद भाजपा यह जग जाहिर हो जाने का इंतजार कर रही थी कि शिवसेना ने अपनी रीति-नीति तजकर धुर विरोधी दलों की गोद में बैठने का निश्चय कर लिया है और इन दलों ने भी अपने कथित सिद्धांतों को सूली पर चढ़ाने का मन बना लिया है। भाजपा ने नहले पर दहला जैसा दांव तो चल दिया, लेकिन उसके लिए सरकार चलाना आसान नहीं होगा। उसके लिए ऐसे सवालों का जवाब देना भी कठिन होगा कि क्या अब अजीत पवार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से नहीं घिरे हैैं? वह इन सवालों का चाहे जो जवाब दे, यह तय है कि जो कुछ महाराष्ट्र में हुआ वह तब तक होता रहेगा जब तक राजनीतिक दल सत्ता के लालच में जनादेश का अपमान या फिर उसका मनमाना इस्तेमाल करने में समर्थ बने रहेंगे।