तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद सेकेंड-इन-कमान रहे मुकुल रॉय के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही चर्चा जोरों पर थी कि वे अपनी पहली रैली में क्या खुलासा करते हैं। मुकुल ने भी उसी के अनुरूप मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी, शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और तृणमूल पर करारा प्रहार किया। किसी को थोड़ा भी गुमान नहीं था कि मुकुल के तरकस में ऐसे-ऐसे तीर हो सकते हैं, जिनका जवाब देने के लिए तृणमूल के महासचिव से लेकर राज्य के गृह सचिव तक को सामने आना पड़े। मुकुल ने सबसे बड़ा सवाल 'विश्व बांग्ला' ब्रांड को लेकर किया, जिसके मुख्यमंत्री दिन-रात प्रचार में जुटी रहती हैं। मुकुल ने दस्तावेज दिखाकर दावा किया कि 'विश्व बांग्ला' ब्रांड असल में सरकारी नहीं बल्कि ममता के भतीजे की कंपनी है, जिसका प्रचार बंगाल सरकार की मुखिया कर रही हैं। इस खुलासे का नतीजा शनिवार को सामने आया, जब रसल स्ट्रीट स्थित 'विश्व बांग्ला' ब्रांड के आउटलेट के समक्ष कांग्र्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन करने पहुंच गए। यही नहीं, मुकुल ने ममता के विदेश दौरे को लेकर सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने फिल्मोत्सव के उद्घाटन समारोह जैसे गैर-राजनीतिक मंच से मुकुल का नाम लिए बिना अपने विदेश दौरे को लेकर सफाई देती दिखीं। रॉय ने तृणमूल के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' के मालिकाना हक को लेकर भी सवाल खड़ा किया है। यह बाद दीगर है कि अभिषेक ने चेतावनी दी है कि मुकुल यदि अपने बयान के लिए 48 घंटे में माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे। गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य ने भी 'विश्व बांग्ला' ब्रांड को लेकर सफाई दी कि यह मुख्यमंत्री के दिमाग की उपज है और इसपर किसी का व्यक्तिगत हक या कॉपीराइट नहीं है। यह नहीं, तृणमूल को निजी कंपनी तक मुकुल ने करार दे दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह तो पार्ट वन है, अभी पार्ट टू बाकी है। मुकुल ने कहा कि दार्जिलिंग के डेलो में सारधा चिटफंड कंपनी के मालिक सुदीप्त सेन के साथ हुई बैठक में वे मौजूद थे। उन्होंने ममता का नाम लिए बिना कहा कि इसमें वह भी मौजूद थीं। यह सच है कि बंगाल सरकार की ओर से 'विश्व बांग्ला' ब्रांड को जोर-शोर से प्रचारित व प्रसारित किया जा रहा है। ऐसे में यदि सवाल उठा है तो इसके बारे में लोगों के सामने स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए क्योंकि, बिना आग के धुआं नहीं उठता है और ये लोगों के विश्वास से भी जुड़ा मामला है।
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(हाइलाइटर ::: यह सच है कि बंगाल सरकार की ओर से 'विश्व बांग्ला' ब्रांड को जोर-शोर से प्रचारित व प्रसारित किया जा रहा है। ऐसे में यदि सवाल उठा है तो इसके बारे में लोगों के सामने स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]