जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले की नाकाम कोशिश के एक माह के भीतर विस्फोटक से लैस एक ड्रोन को मार गिराने में मिली सफलता यह तो बताती है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां पहले से ज्यादा सतर्क हैं, लेकिन इस घटना से यह भी पता चलता है कि शत्रुओं के दुस्साहस में कोई कमी नहीं आई है। गत दिवस जम्मू के कानाचक्क इलाके में पुलिस ने जिस ड्रोन को मार गिराया, उससे पांच किलो की आइईडी भी बरामद हुई है। इसका अर्थ है कि सीमा के अंदर ऐसे तत्व सक्रिय हैं, जो सीमा पार की दुष्ट ताकतों के संपर्क में हैं और उनके इशारे पर आतंकी हमले की फिराक में हैं। चूंकि उक्त ड्रोन पाकिस्तान सीमा के निकट ही मार गिराया गया इसलिए यह संदेह पुख्ता होता है कि उसे सीमा पार से ही भेजा गया। पुलिस को संदेह है कि यह काम आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने किया। यह वही आतंकी संगठन है, जिसे पाकिस्तान का सहयोग और संरक्षण प्राप्त है। भारत इससे अनभिज्ञ नहीं हो सकता कि पाकिस्तान ने जैश के साथ लश्कर के आतंकियों को भी तालिबान की मदद के लिए अफगानिस्तान भेजा है। वह तालिबान के जरिये अफगानिस्तान में भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में भी है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का मतलब होगा वहां पाकिस्तान का वर्चस्व कायम हो जाना और किस्म-किस्म के जिहादियों को खुली छूट मिल जाना।

पाकिस्तान अपने यहां के साथ-साथ जिस तरह अफगानिस्तान में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने में जुटा है, उससे यही संकेत मिलता है कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के लिए खतरा और बढ़ जाएगा। इस संभावित खतरे को देखते हुए भारत इससे संतुष्ट नहीं हो सकता कि पाकिस्तान से भेजे गए ड्रोन को मार गिराया गया। भारत का उद्देश्य पाकिस्तान और वहां पल रहे भारत विरोधी आतंकी संगठनों के दुस्साहस का दमन करना होना चाहिए। जब तक इस दुस्साहस का दमन नहीं किया जाता, तब तक पाकिस्तान से ड्रोन हमलों का खतरा टलने वाला नहीं। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि जम्मू-कश्मीर के सीमांत क्षेत्रों में एक अर्से से ड्रोन देखे जा रहे हैं। यह इसलिए चिंताजनक है, क्योंकि खुफिया एजेंसियां अंदेशा जता चुकी हैं कि आतंकी ड्रोन के जरिये किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में हैं। तथ्य यह भी है कि बीते डेढ़ साल में ड्रोन के जरिये हथियार, विस्फोटक, मादक पदार्थ और पैसे भेजे जा चुके हैं। यह ठीक है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के पास एंटी ड्रोन सिस्टम लगा दिया गया है, लेकिन इसमें संदेह है कि इससे पाकिस्तान के नापाक इरादों को ध्वस्त करने में पूरी तौर पर सफलता मिलेगी।