अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटे उत्तराखंड के गांवों से निरंतर हो रहे पलायन को लेकर उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग अपनी रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री को सौंप चुका है। दो-चार दिन में अनुमोदन मिलने के बाद यह सार्वजनिक हो जाएगी। प्रदेश की 6950 ग्राम पंचायतों में 24 बिंदुओं पर सर्वे के आधार पर 85 पृष्ठों की यह रिपोर्ट तैयार की गई है। हालांकि, यह अभी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन बताया गया कि रिपोर्ट में एक-एक गांव का आंकड़ा है। मसलन, कितने गांव खाली हुए, किस गांव में कितने लोग रह गए हैं और कितनों ने पलायन किया, कितने लोग बाहर से आकर गांवों में बसे और कितने अब तक वापस लौटे, किन गांवों में खास मौकों पर ही बंद घरों के ताले खुलते हैं, गांवों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति, रोजगार की स्थिति, पलायन करने की वजह, जैसे अन्य बिंदु सर्वे में शामिल किए गए। साफ है कि गांवों से हो रहे पलायन और उसके कारणों को लेकर सही तस्वीर अब सामने आ गई है। अभी तक इसका अभाव था और 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही पलायन का आकलन किया जा रहा था। सूरतेहाल, सरकार के सामने असल चुनौती आगे की है।

समस्या और इसके कारण सामने आने के बाद अब पलायन को थामने के लिए कवायद की बारी है। समग्र आलोक में देखें तो राज्य के गांवों से हो रहे पलायन के पीछे वहां मूलभूत सुविधाओं और रोजगार के अवसरों का अभाव मुख्य कारण हैं। बेहतर भविष्य की आस में लोग पलायन कर रहे हैं। पहले यह पलायन देश के महानगरों की ओर था और अब प्रदेश के शहरों के साथ ही सुविधाजनक कस्बों व नगरों की तरफ। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को गांव में ही रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर इसे धरातल पर उतारा जाए। यानी, गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ ही गांव के इर्द-गिर्द रोजगार के अवसर सृजित करने होंगे। बात समझने की है कि जब गांव के पास ही बेहतर सुविधाएं और रोजगार की व्यवस्था होगी तो कोई गांव क्यों छोड़ेगा। अब यह जिम्मेदारी पलायन आयोग की है कि वह गांव और गांववासियों को केंद्र में रखते हुए पलायन थामने के लिए प्रभावी कार्ययोजना का खाका सरकार के समक्ष रखे। सरकार को भी चाहिए कि वह आयोग से मिलने वाली कार्ययोजना के साथ ही गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित करे। इस चुनौती से पार पाने के लिए प्रदेश सरकार को पूरी इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ना होगा।

[ स्थानीय संपादकीय: उत्तराखंड ]