बंगाल के दार्जिलिंग समेत अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में चल रहा बेमियादी बंद तीन माह की सीमा भी पार कर चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो सर्वदलीय बैठक की, लेकिन समस्या अब तक नहीं सुलझ सकी है और बंद जारी है। मंगलवार को पहाड़ मसले पर राज्य सरकार और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) की अगुवाई में दार्जिलिंग के विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सिलीगुड़ी के मिनी राज्य सचिवालय 'उत्तर कन्या' में दूसरे दौर की बैठक हुई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों की कई मांगों को स्वीकार कर लिया, जिनमें चाय बगान के कर्मियों के लिए न्यूनतम मजदूरी, पहाड़ में हुई फायरिंग में गोजमुमो कार्यकर्ताओं की मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच प्रमुख हैं। वहीं ममता ने आंदोलनकारियों को बंद समाप्त कर स्थाई समाधान तलाशने पर जोर दिया। इसके बावजूद गोजमुमो के प्रमुख विमल गुरुंग ने साफ कहा है कि गौरखालैंड राज्य को लेकर बात नहीं होने पर बंद जारी रहेगा और यदि सरकार जबर्दस्ती की तो पहाड़ के लोग जनता कफ्र्यू लगा देंगे। दूसरी ओर ममता ने अगली बैठक में पहाड़ मसले पर त्रिपक्षीय बैठक (केंद्र-राज्य सरकार और आंदोलनकारियों) पर चर्चा करने का भी वादा किया। अगली बैठक नवान्न में 16 अक्टूबर को होगी। परंतु, इस बीच क्या बंद व हड़ताल समाप्त हो जाएगा या फिर जारी रहेगा इसे लेकर संशय की स्थिति अब भी बनी हुई है। बैठक को लेकर गोजमुमो से निष्कासित विनय तामांग और अनित थापा ने कहा कि बंद व हड़ताल खत्म होना चाहिए। क्योंकि, पिछले तीन माह से जारी बंद की वजह से पहाड़वासियों की हालत खराब हो चुकी है। सर्वदलीय बैठक में बंद वापस लेने को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं होने से लोग मायूस हैं। दुर्गापूजा के दौरान लोग छुïट्टी में दार्जिलिंग का रूख करते थे लेकिन लोग अब उधर देखना भी पसंद नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का दिल है और इसे अलग नहीं किया जा सकता। पहाड़ पर शांति व विकास के लिए उन्होंने बंद वापस लेने की एक बार फिर अपील की। परंतु, गुरुंग ने कहा कि पहाड़ पर बंद जारी रहेगा क्योंकि बैठक में गोरखालैंड पर चर्चा तक नहीं हुई। वहीं केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कहा है कि दार्जिलिंग समस्या को राज्य सरकार को ही सुलझाना होगा। सभी पक्षों को इस पर तत्काल ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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(हाईलाइटर::: गोजमुमो के प्रमुख विमल गुरुंग ने साफ कहा है कि गौरखालैंड राज्य को लेकर बात नहीं होने पर बंद जारी रहेगा और यदि सरकार जबर्दस्ती की तो पहाड़ के लोग जनता कफ्र्यू लगा देंगे।) 

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]