राजधानी में चिकनगुनिया और डेंगू को लेकर हो रही सियासत को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है। यह कितना दु:खद है कि देश की राजधानी में चिकनगुनिया से दस लोगों की मौत हो गई है और सियासी पार्टियां इस पर अपनी सियासत चमकाने में लगी हुई हैं। सत्ताधारी दल से लेकर विपक्ष तक के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। यही नेता यदि समय रहते मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम में सकारात्मक भूमिका निभाते तो आज दिल्लीवासियों को यह दिन नहीं देखना पड़ता। अब भी समय है कि वे इसे सियासी मुद्दा बनाने के बजाय दिल्लीवासियों को डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से बचाने में अपना योगदान दें। दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है, वहीं तीनों नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा है। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग की सरकार है। इन तीनों के बीच आपसी सहयोग व सामंजस्य की जरूरत है। निगमों को बिना समय बर्बाद किए मच्छरों की उत्पति के रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाना चाहिए। नालियों की सफाई होनी चाहिए, जिससे कि पानी जमा नहीं हो। इसी तरह से जहां गड्ढों में पानी जमा है, उसकी भी सफाई कर दवाई का छिड़काव किया जाए। कई इलाकों में अब तक फॉगिंग नहीं की गई है। इन इलाकों की पहचान कर तुरंत फॉगिंग कराई जाए। ब्रीडिंग जांच करने वाली टीम को भी मुस्तैद करने की जरूरत है क्योंकि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में मच्छरों की ब्रीडिंग जांच कम हुई है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को होने वाली परेशानी पर भी ध्यान देना जरूरी है।

प्रत्येक अस्पताल में अतिरिक्त बिस्तर और दवाइयों की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे कि मरीज को इलाज में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। मंत्री व अधिकारियों को अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाएं तथा बीमारी के रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों पर नजर रखनी चाहिए, जिससे कि इस काम में किसी तरह की बाधा नहीं आए। केंद्र सरकार को भी इस काम में अपना सहयोग देना चाहिए। विभिन्न राजनीतिक दलों को भी इस काम में आगे आना चाहिए। प्रत्येक राजनीतिक दल के पास कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या होती है। इनके सहयोग से न सिर्फ जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है बल्कि सफाई अभियान चलाने और मरीजों को हो रही परेशानी दूर करने में भी इनकी मदद मिल सकती है। इसी तरह से स्वयंसेवी संस्थाओं और आम नागरिक को भी आगे आना होगा। सभी के प्रयास से ही दिल्ली को डेंगू व चिकनगुनिया से मुक्त किया जा सकता है।

[ स्थानीय संपादकीय : दिल्ली ]