शहर में लाखों परिवार अपनी छत के सपने को पूरा करने की चाहत में ही जीवन गुजार देते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार सबको वर्ष 2022 तक आवास देने का वादा कर चुकी है। इस मुहिम के तहत प्रदेश में दो लाख से अधिक आवेदन हुए थे। ऐसे में सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा दिए है। 14 शहरों में किफायती दरों पर मकान बनाने के लिए बिल्डरों को लाइसेंस दिए जा चुके हैं। इन कालोनियों में 68 हजार परिवारों को मकान आवंटित किए जाएंगे। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को भी निजी-सार्वजनिक भागीदारी से आवासीय कालोनी बनाकर देने की नीति तैयार हो चुकी है। यह योजना अनियोजित विकास व अवैध कालोनियों पर लगाम लगाएगी।

पिछले दो दशकों में औद्योगिक विकास तेजी से हुआ। असर यह हुआ कि बड़ी ग्रामीण आबादी ने शहर की ओर रुख किया। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण व नगर योजनाकार विभाग इस आबादी के लिए बेहतर आवास की कोई व्यवस्था नहीं कर पाए। न उनके पास पर्याप्त संसाधन थे और न ही राजनीतिक इच्छाशक्ति। इसका नतीजा यह हुआ कि झुग्गियां व अवैध कालोनियां तेजी से पनपीं। भू-माफिया व राजनीतिक के इस गठजोड़ ने इसका फायदा उठाते हुए खूब मलाई काटी। व्यक्तिगत स्वार्थ की आड़ में विकास पीछे छूटता चला गया। इस अनियोजित विकास ने शहरों में कई चुनौतियां बढ़ा दीं। अब सरकार निजी क्षेत्र की मदद से लाखों परिवारों का सपना पूरा करने की राह पर बढ़ चली है। उम्मीद करें कि छत का सपना जल्द पूरा हो जाएगा।

[ स्थानीय संपादकीय: हरियाणा ]