दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में पब में डिस्क जॉकी द्वारा युवक की चाकू मारकर हत्या कर दिए जाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मामला तब और भी गंभीर हो जाता है, जब यह सामने आता है कि पब में तैनात बाउंसर मामले में बीच-बचाव करने के बजाय डिस्क जॉकी के साथ मिलकर युवक को रसोई में ले गए, जहां डिस्क जॉकी ने उसकी हत्या कर दी। आरोपितों ने घायल युवक को ले जाने के दौरान उसके दोस्तों पर बीयर की बोतलों से हमला किया, जिसमें युवती समेत तीन लोग घायल हो गए। किसी पब या बार में बाउंसरों द्वारा मारपीट की यह पहली घटना नहीं है, दिल्ली में ही ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब बाउंसरों ने वहां आए लोगों के साथ मारपीट की है। ऐसे में यह बड़ा प्रश्न है कि पब या बार में बाउंसर की व्यवस्था लोगों की सुरक्षा के लिए है या उनसे मारपीट करने और जान लेने के लिए?

बाउंसरों द्वारा कानून को हाथ में लेना अस्वीकार्य है। पुलिस को मुख्य आरोपित के साथ ही वारदात में शामिल बाउंसरों के खिलाफ भी हत्या का केस दर्ज करना चाहिए। बाउंसरों द्वारा दिखाई जाने वाली गुंडागर्दी के लिए संबंधित पब या बार के मालिक व संचालक भी जिम्मेदार हैं। आए दिन हो रही ऐसी घटनाओं को देखते हुए यह आवश्यक है कि इन बाउंसरों पर नकेल कसी जाए। इसके लिए जहां पब एवं बार मालिकों-संचालकों को जवाबदेह बनाया जाना जरूरी है, वहीं बाउंसरों को स्पष्ट बताया जाना जरूरी है कि उनका दायित्व वहां आए लोगों की सुरक्षा करना है, न कि उनसे मारपीट करना या उनकी जान लेना। पुलिस को भी सतर्कता बरतनी चाहिए और बाउंसरों को लेकर पब या बार संचालकों को स्पष्ट रूप से निर्देशित करना चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]