दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कॉल सेंटर व इंट्रेक्टिव वायस रिस्पांस सिस्टम (आइवीआरएस) सुविधा बंद कर दिया जाना सर्वथा अनुचित है। इससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समय लेने में समस्या आएगी। इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है। एम्स प्रशासन ने कॉल सेंटर व आइवीआरएस सुविधा बंद कर एक नया टेलीफोन नंबर जारी किया है। कॉल सेंटर बंद करने के पीछे तर्क यह दिया गया है कि इसका संचालन निजी एजेंसी कर रही थी, इसलिए इसे बंद किया गया है, जबकि आइवीआरएस सुविधा बंद करने के पीछे लाइन खराब होने का तर्क दिया गया है। इन नंबरों को बंद कर जो नया नंबर शुरू किया गया है, उसमें मात्र एक टेलीफोन लाइन है जिसपर एक समय में सिर्फ एक व्यक्ति ही बात कर सकता है, जबकि पहले की स्थिति में एक समय में 50 व्यक्ति एकसाथ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समय ले सकते थे।

नई लाइन रविवार को उपलब्ध नहीं होगी, जबकि अन्य दिनों में भी सिर्फ कार्यावधि में ही इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा। ऐसे में नई व्यवस्था मरीजों के लिए किस हद तक परेशानी का सबब बन सकती है, यह आसानी से समझा जा सकता है। देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स में दूरदराज से लोग बेहतर इलाज की उम्मीद में आते हैं। डॉक्टर को दिखाने या किसी जांच, इत्यादि के लिए समय लेने में कॉल सेंटर व आइवीआरएस काफी मददगार साबित होते थे। इन सुविधाओं को बंद किए जाने को किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता। एम्स को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]