कोरोना वायरस से उपजी महामारी कोविड-19 के असर की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने यह सही कहा कि अगर अधिक मरीजों वाले राज्य कोरोना को हराने में सफल हो जाएं तो देश भी जीत जाएगा। उनकी इस बात पर संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को न केवल गौर करना चाहिए, बल्कि अपने स्वास्थ्य ढांचे की हर कमजोरी को दूर करने में जुटना चाहिए। यदि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामले देश के कुल सक्रिय मामलों का 80 प्रतिशत हैं तो फिर यह स्वाभाविक सी बात है कि उन्हें अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। कम से कम यह तो अवश्य होना चाहिए कि बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दें। चूंकि खुद प्रधानमंत्री ऐसा कह रहे हैं इसलिए यह काम प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए।

अच्छा हो कि सभी राज्यों के बीच ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने की होड़ कायम हो। यह ठीक है कि टेस्टिंग लगातार बढ़ रही है और अब देश में उसकी संख्या बढ़कर हर दिन करीब सात लाख तक पहुंच चुकी है, लेकिन बावजूद इसके इसकी जरूरत महसूस की जा रही है कि बड़ी आबादी और अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों में और अधिक टेस्ट किए जाएं। इसमें कोई कठिनाई आए तो राज्य केंद्र से मदद मांगे, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि टेस्टिंग और बढ़े। वास्तव में यही वह उपाय है जिसके सहारे कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाई जा सकती है। यह उपाय तभी कारगर साबित होगा जब आम लोग सावधानी का भी परिचय देंगे।

यह चिंताजनक है कि संक्रमण फैलते जाने के बावजूद तमाम लोग मास्क लगाने और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने में आनाकानी कर रहे हैं। यह एक किस्म की आपराधिक लापरवाही है। आखिर इससे खराब बात और क्या हो सकती है कि लोग इस तथ्य से परिचित होने के बाद भी सतर्कता का परिचय नहीं दे रहे हैं कि इस महामारी का कोई सीधा इलाज नहीं और इसका कोई भरोसा नहीं कि कारगर वैक्सीन कब आएगी।

सार्वजनिक स्थलों पर न जाने कितने ऐसे लोग दिखते हैं जो न तो मास्क लगाए होते हैं और न ही शारीरिक दूरी बनाए रखने की परवाह करते हैं। आखिर मास्क का सही से इस्तेमाल और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ साफ-सफाई और सेहत का ध्यान रखना हर किसी की प्राथमिकता क्यों नहीं बन सकता? ऐसा करना केवल नागरिक कर्तव्य ही नहीं, राष्ट्रीय दायित्व भी है। इसकी पूर्ति होने लगे तो कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार को जल्द ही काबू में करके जन-जीवन को पटरी पर लाया जा सकता है।