गैंगस्टरों की निगरानी
पंजाब में गैंगस्टर आए दिन किसी न किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं, उसे देखते हुए इन पर लगाम लगाना अनिवार्य हो गया है।
यह महज गैंगस्टरों पर नजर रखने की बात ही नहीं है, अपितु पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करने की दिशा में बढ़ाया गया एक बेहतर कदम है।
पंजाब में जिस प्रकार गैंगस्टर दिनोंदिन बेलगाम होते जा रहे हैं और आए दिन किसी न किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं, उसे देखते हुए इन पर लगाम लगाना अनिवार्य हो गया है। यह अच्छी बात है कि पुलिस प्रशासन इस दिशा में कदम बढ़ाता हुआ दिखाई दे रहा है। पुलिस विभाग ने प्रदेश के 35 गैंगस्टरों को चिन्हित किया है और हर गैंगस्टर की निगरानी के लिए 35 विशेष पुलिस अधिकारियों की तैनाती करने की बात कही है। ये अधिकारी गैंगस्टरों की पल-पल की गतिविधि पर नजर रखने और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने का प्रयास करेंगे। यदि कहीं कोई गैंगस्टर गड़बड़ी करता है तो उसकी जिम्मेदारी उस पर नजर रखने वाले पुलिस अधिकारी की भी होगी। इससे स्पष्ट है कि यह महज गैंगस्टरों पर नजर रखने की बात नहीं है, अपितु पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करने की दिशा में बढ़ाया गया बेहतर कदम है। निस्संदेह ऐसे किसी कदम की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, क्योंकि गैंगस्टर प्रदेश में पूरी तरह बेलगाम हो चुके हैं। आए दिन हत्या, गैंगवार, लूट जैसे वारदातों से समाज में तो भय बढ़ ही रहा है, साथ ही सरकार और पुलिस प्रशासन की भी किरकिरी हो रही है। गैंगस्टरों पर नजर रखने के अतिरिक्त भी पुलिस प्रशासन ने गत दिवस प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए कई कदम उठाने का फैसला लिया है। इनमें पुलिस नियंत्रण कक्षों में तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती का फैसला भी उचित ही है। यह सर्वविदित है कि अपराधी दिनोंदिन हाईटेक होते जा रहे हैं और अपराध के लिए आए दिन नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसे देखते हुए पुलिस का भी तकनीकी रूप से दक्ष होना बेहद जरूरी है, परंतु दुर्भाग्यवश विभाग में बड़ी संख्या में इसके पद रिक्त पड़े हैं। इसके अतिरिक्त भी तमाम ऐसी कमियां हैं, जिन्हें सुधारा जाना नितांत आवश्यक है। प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, अपराधियों की सख्त निगरानी करने, पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को जनता के साथ मित्रवत व्यवहार रखने का प्रशिक्षण देने और किसी रिपोर्ट पर तत्काल कदम उठाने जैसा कार्य जितना शीघ्र दुरुस्त कर लिया जाए, कानून व्यवस्था के लिए यह उतना ही उचित रहेगा। अब जबकि विभाग सक्रिय दिख रहा है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि इन कमियों को दूर करने के उपाय भी शीघ्र ही खोज लिए जाएंगे।
[ स्थानीय संपादकीय : पंजाब ]