साल की शुरुआत से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिलों का दौरा शुरू कर दिया है, लेकिन इस बार उनका जिला दौरा प्रशासनिक बैठक करने का उद्देश्य कम और राजनीतिक प्रचार करना ज्यादा है। इसके पहले जब वह जिला दौरा पर जाती थीं तो प्रशासनिक बैठक करती थी जिसमें मुख्य सचिव और गृह सचिव से लेकर सरकार के आला अधिकारी तक हाजिर होते थे। लेकिन इस बार उनका जिला दौरा का स्वरूप ही नहीं उद्देश्य भी बदल गया है। उन्होंने अपनी जिला यात्रा के पहले दिन वर्धमान में माटी उत्सव का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने ग्रामीणों के हित में कई कल्याणकारी घोषणाएं की जिसमें उनके लिए 5 लाख घर बनाना शामिल है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त तीन लाख लोगों को गीतांजलि योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने समेत ग्राम बांग्ला में ढांचागत विकास पर 3 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की। दूसरे दिन बुधवार को वीरभूम में भी उन्होंने 5 लाख ग्रामीणों को घर बनाने की बात दोहराई और दावा किया कि राज्य में किसानों के लिए मालगुजारी पूरी तरह माफ कर दी गई है।
पहली तिमाही में राज्य चुनाव आयोग पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में है। जाहिर है मुख्यमंत्री ने इस बार पंचायत चुनाव को ध्यान में रख कर अपनी जिला यात्रा शुरू की है। पंचायत चुनाव को ध्यान में रख कर मुख्यमंत्री ने अपनी रणनीति भी बदल दी है। पहले जिला स्तर पर प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता वह खुद करती थी। लेकिन पंचायत चुनाव के कारण उन्होंने अचानक प्रशासनिक बैठक से खुद को अलग कर लिया है। अब मुख्यमंत्री का जिला दौरा भी पंचायत क्षेत्रों में हो रहा है। पिछले सप्ताह उन्होंने बद्र्धमान और पुरुलिया के पंचायत क्षेत्रों में सभा को संबोधित किया जबकि प्रशासनिक बैठक मुख्य सचिव मलय दे ने की।
8 जनवरी से मुख्यमंत्री उत्तर बंगाल के दौरे पर जाएंगी जहां वह उत्तर बंगाल उत्सव का उद्घाटन करेंगी। दक्षिण बंगाल से लेकर उत्तर बंगाल तक का सफर तय कर वह ग्रामीणों का दिल जितने का प्रयास कर रही हैं। गरीबों के लिए घर मूलभूत जरूरत है। खैर पंचायत चुनाव को ध्यान में रख कर ही सही ग्रामीणों के लिए सरकार घर तैयार करती है और अन्य गांवों में ढांचागत सुविधाएं विकसित करती है तो अच्छी बात है।
हाईलाइटर:: (8 जनवरी से मुख्यमंत्री उत्तर बंगाल के दौरे पर जाएंगी जहां वह उत्तर बंगाल उत्सव का उद्घाटन करेंगी। दक्षिण बंगाल से लेकर उत्तर बंगाल तक का सफर तय कर वह ग्रामीणों का दिल जितने का प्रयास कर रही हैं।)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]