पहाड़ में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के लगातार आंदोलन करने के समय सिक्किम और पश्चिम बंगाल में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने दार्जिलिंग में आंदोलन के कारण सिक्किम की अर्थव्यस्था को भारी नुकसान पहुंचने का आरोप लगाया था। बंगाल की ममता सरकार के साथ उनका मतभेद तब चरम पर पहुंच गया, जब चामलिंग ने गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरुंग की अलग गोरखालैंड की मांग का समर्थन कर दिया। ममता सरकार ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई थी और सिक्किम पर पश्चिम बंगाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और आंदोलन को भड़काने का आरोप लगाया था। यही नहीं, बंगाल ने सिक्किम के साथ परिवहन क्षेत्र को लेकर हुए समझौते को भी खत्म कर दिया था। दोनों राज्यों ने अलग-अलग तरीके से एक-दूसरे के खिलाफ केंद्र के समक्ष मुद्दा उठाया था। केंद्र दोनों राज्यों में सुलह कराने की कोशिश करता कि इससे पहले खुद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोनों राज्यों के बीच गलतफहमी दूर करने की पहल की।

ममता और चामलिंग के बीच शुक्रवार को सिलीगुड़ी में बैठक हुई। दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक संतोषजनक रही। बैठक के बाद दोनों ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन कर स्वीकार किया कि उनके बीच जो गलफहमियां थीं, उन्हें दूर कर लिया गया है। अब दोनों राज्य विकास को ध्यान में रखकर एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। ममता ने साफ किया कि सिक्किम बंगाल का पड़ोसी और मित्र राज्य है। पर्यटन व अन्य क्षेत्रों में दोनों राज्य व्यवसाय को बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे। इसके साथ ही विवाद पर विराम लग गया।

दरअसल दोनों राज्यों में विवाद का एक प्रमुख कारण गोजमुमो नेता बिमल गुरुंग को सिक्किम से सहयोग व संरक्षण मिलना था। बंगाल पुलिस ने कई बार गुरुंग की तलाशी के लिए सिक्किम तक धावा बोला था। ममता सरकार के वाहनों पर रोक लगाने से जब सिक्किम का व्यवसाय प्रभावित होने लगा तो चामलिंग नरम पड़े। वह बिमल गुरुंग का सहयोग करने से भी पीछे हट गए। गोरखालैंड की मांग का समर्थन करना चामलिंग की गलती थी। उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। दोनों मुख्यमंत्रियों ने जिस तरह मिल-बैठकर एक-दूसरे से गिले-शिकवे दूर किए, यह अच्छी बात है। ममता ने अगले साल बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में पवन चामलिंग को आमंत्रित किया है। ममता ने खुद सिक्किम जाने की भी बात कही है। नेपाल और भूटान की सीमा से सटे सिक्किम और दार्जिलिंग में बेहतर समन्वय रखने का दोनों मुख्यमंत्रियों का प्रयास सराहनीय है।

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(हाइलाइटर ::: बंगाल की ममता सरकार के साथ उनका मतभेद तब चरम पर पहुंच गया, जब चामलिंग ने गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरुंग की अलग गोरखालैंड की मांग का समर्थन कर दिया।)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]