सार्वजनिक शौचालय बनाइये
उत्तर प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच जाने से रोकने के लिए लगातार जन जागरूकता अभियान चला रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच जाने से रोकने के लिए लगातार जन जागरूकता अभियान चला रही है। उसे कुछ सफलता भी मिली है परंतु अब भी इस प्रवृत्ति पर पूरी तरह लगाम नहीं लगाई जा सकी है। खुले में शौच जाने वालों की मानसिकता क्यों नहीं बदल रही है, इस काम में क्या दिक्कतें सामने आ रही हैं, इस बारे में जल्द ही अब राज्य सरकार एक अध्ययन करवाने जा रही है। एक निजी कंपनी को यह काम सौंपा गया है जो आगामी मार्च में रिपोर्ट देगी। सरकार यह जानने की कोशिश कर रही है कि खुले में शौच से मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने के लिए और क्या क्या प्रयास किए जाने चाहिए।
बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो जानते तो हैं कि खुले में शौच से क्या हानियां हैं पर उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं होती कि वे शौचालय का निर्माण करवा सकें। सूबे में लाखों मलिन बस्तियां हैं। लाखों लोग फ्लाईओवरों के नीचे गुजर बसर कर रहे हैं। शासन को इनके लिए पर्याप्त संख्या में सार्वजनिक शौचालय बनाने होंगे। इस आबादी से यह उम्मीद रखना कि वह अपने लिए शौचालय बनवा सकेगी, बेमानी है। इसलिए अगर ऐसे लोगों को सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं मिलेगी तो वे खुले मैदान में ही जाएंगे। सरकार सार्वजनिक शौचालय बनवाने के लिए निजी कंपनियों और एनजीओ को करोड़ों रुपये का अनुदान देती है पर अभी अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए जमीन मिलने में भी नगर निगम को दिक्कतें आ रही हैं। सरकार को रेलवे से बातचीत कर इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए। उधर समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जो घर में शौचालय बनवा सकता है पर जानबूझ कर नहीं बनवा रहा। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। जब कुछ लोगों को दंड मिलेगा तभी अन्य लोग सतर्क होंगे वरना यह समस्या बनी रहेगी। उम्मीद है कि सरकारी अध्ययन की रिपोर्ट आने के बाद कई ऐसे नए उपाय सामने आएंगे जिन पर अमल करने से खुले में शौच से मुक्ति मिल जाएगी।
[ स्थानीय संपादकीय: उत्तर प्रदेश]