उत्तराखंड में पर्यटन और खाद्य प्रसंस्करण समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की राज्य सरकार की पहल को सराहनीय माना जा सकता है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने थाईलैंड की कंपनियों और उद्यमियों को यहां निवेश का न्योता दिया है। साथ ही यहां पर्यटन व खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संभावनाओं और सरकार की ओर से मुहैया कराई जा रही सुविधाओं की तरफ भी ध्यान आकृष्ट कराया। थाई कंपनियों और उद्योगपतियों ने उत्तराखंड में रुचि भी दिखाई है। निकट भविष्य में थाई कंपनियां और उद्योगपति भी उत्तराखंड आकर मंथन करेंगे। जाहिर है कि राज्य सरकार की इस पहल से प्रदेश में पर्यटन के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आर्थिकी को संबल मिलेगा। वहीं, रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इसका फायदा प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर अंकुश लगाने में मिलेगा। समग्र आलोक में देखें तो राज्य में औद्योगिक वातावरण तैयार कर निवेशकों को आकर्षित करने के पीछे सरकार की मंशा अब तक औद्योगिक विकास के लिहाज से अछूते रहे पर्वतीय क्षेत्रों के विकास पर फोकस करने की है। यह किसी से छिपा नहीं है कि कुदरत ने उत्तराखंड को मुक्त हाथों से नेमत बख्शी है। ऐसे में नए पर्यटक स्थलों के विकसित होने से वहां निवेश की खासी संभावनाएं हैं। वैसे भी प्रदेश सरकार ने राज्य के 13 जिलों में 13 नए पर्यटक स्थल विकसित करने का निर्णय लिया है। इस मुहिम को भी इससे लाभ मिलेगा। साथ ही पहले से विकसित और विकसित हो रहे पर्यटक स्थलों में भी विश्व स्तरीय पर्यटक सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी।

जहां तक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की बात है तो पौष्टिकता से लबरेज उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की खूब मांग है। यही नहीं, राज्य में संगंध पौधों की खेती के क्षेत्र में भी नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं। बावजूद इसके जैविक उत्पादों और एरोमैटिक सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए बूस्टर डोज की दरकार है। जाहिर है कि निवेशकों को इन क्षेत्रों में आकर्षित करने से पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, एरोमैटिक सेक्टर को खासा संबल मिलेगा। ऐसे में जरूरी है कि इन क्षेत्रों के जरिए आर्थिकी संवारने के मद्देनजर औद्योगिक वातावरण बनाने के लिए राज्य सरकार को गंभीरता से कदम उठाने होंगे। निवेशकों को राज्य की शर्ताें पर यहां लाना होगा, ताकि राज्य और राज्यवासियों के हित भी महफूज रह सकें। साथ ही निवेशकों को बेहतर माहौल के साथ ही कुछ रियायतें भी देनी होंगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य सरकार सभी पहलुओं पर गंभीरता से चिंतन-मनन कर इस दिशा में कदम बढ़ाएगी।

[ स्थानीय संपादकीय: उत्तराखंड ]