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सीमा सुरक्षा बल ने बेशक पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकामयाब बना दिया, लेकिन पांच वर्षों में सुरंग खोदे जाने की यह छठी घटना है
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सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खोदी गई एक सुरंग का पता लगाकर घुसपैठ कराने की पाकिस्तान की साजिश को नाकाम बना दिया। जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर के निकट जीरो लाइन के पास मिली इस सुरंग ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को जाहिर कर दिया। बीएसएफ ने बेशक पाकिस्तान के यहां तोडफ़ोड़ करने के इरादों को नाकामयाब बना दिया, लेकिन पिछले पांच वर्षों में सुरंग खोदे जाने की यह छठी घटना है। इसमें कोई संदेह नहीं कि मौजूदा सुरंग का इस्तेमाल भी पाकिस्तानी रेंजरों ने आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने के लिए करना था। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के जवानों की चौकसी से दुश्मन के इरादों को कामयाबी नहीं मिल रही है लेकिन क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाकर वह बार-बार इस तरह का दुस्साहस कर रहा है, जिस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है। राज्य में पिछले कुछ वर्ष के दौरान हुए घुसपैठ के प्रयासों और आतंकवादी घटनाओं में हुई वृद्धि को देखते हुए सीमा पर चौकसी और बढ़ानी होगी और इसमें जरा सी भी कोताही महंगी पड़ सकती है। इसी वर्ष 2017 में सांबा सेक्टर से सुरंग का पता स्थानीय लोगों के सहयोग से लगा। इसके लिए एजेंसियों को भी और सक्रिय होने की जरूरत है। सीमा पर सुरंग का पता लगाने की राह में बेशक बीएसएफ तकनीकी उपकरणों का सहारा ले रही है, लेकिन इतनी बड़ी सुरंग के खोदे जाने का पता न चल पाना भी गुप्तचर एजेंसियों की चूक को दर्शाता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सीमा पार से भारतीय क्षेत्र तक सुरंग की खोदाई के ज्यादातर मामले जवानों की चौकसी से ही उजागर हुए हैं। उन्हें ऐसे तकनीकी उपकरण उपलब्ध करवाने की जरूरत है जिससे ऐसी किसी भी साजिश को शुरू में ही नाकाम बनाने में मदद मिले। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने जिस जगह सुरंग खोदी है, उस क्षेत्र में पाकिस्तान ने गत दिनों काफी गोलाबारी की। इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि गोलाबारी की आड़ में पाक रेंजर सुरंग का मुहाना भारतीय क्षेत्र में निकालने की कोशिश कर रहे हों। बीएसएफ को चाहिए कि सुरंगों का पता लगाने के लिए मुस्तैदी को और बढ़ाएं।

[ स्थानीय संपादकीय: जम्मू-कश्मीर ]