मध्य हिमालयी क्षेत्र में बसे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र से पलायन एक बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। रोजगार के अवसर सृजित कर इसे थामने को गंभीर पहल की दरकार है।

उत्तराखंड के 670 न्याय पंचायत मुख्यालयों में राज्य सरकार ने औद्योगिक ग्रोथ सेंटर खोलने की ठानी है तो इसके पीछे राज्य के पर्वतीय इलाकों से लगातार हो रहे पलायन की चिंता समाहित है। अच्छी बात ये है कि सरकार ने इस मुहिम को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने का निश्चय किया है। इसमें स्थानीय परिस्थितियों और संसाधनों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। इन छोटे-छोटे ग्रोथ सेंटरों में प्रत्येक में दो सौ लोगों को रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य है। सरकार की मंशा है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे इस राज्य के पर्वतीय अंचलों में गांव खाली न हों और स्थानीय निवासियों को घर पर रहकर ही रोजगार मिल सके। सरकार की यह पहल देर आयद दुरुस्त आयद वाली कही जा सकती है। असल में पलायन थामने की कड़ी में रोजगार के अवसर मुहैया कराना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन अब तक की सरकारों ने इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं समझी। बात समझने की है कि यदि गांव में ही रोजगार उपलब्ध होगा तो कोई अपनी जड़ों से दूर क्यों जाएगा। यदि कहीं पर उद्योग स्थापित होंगे तो अन्य सुविधाओं का भी विस्तार होगा और संबंधित क्षेत्र धीरे-धीरे छोटे और विकासशील शहर के रूप में विकसित होगा। हालांकि, वर्ष 2008 में भी उद्योगों को पहाड़ चढ़ाने की कवायद हुई थी। इसके लिए बाकायदा नीति भी बनी, लेकिन तमाम कारणों से यह परवान नहीं चढ़ पाई। इस सबको देखते हुए मौजूदा सरकार तब की नीति का भी गहनता से अध्ययन करा रही है, ताकि अब उद्योगों को पहाड़ चढ़ाने की राह में आने वाली कठिनाइयों को दूर कर मार्ग निष्कंटक बनाया जा सके। यदि सरकार अपनी इस पहल में कामयाब हो गई तो राज्य के पर्वतीय क्षेत्र के लिए उसकी यह सबसे बड़ी सौगात होगी। जाहिर है इससे पलायन पर भी अंकुश लगेगा और धीरे-धीरे खाली हो रहे गांव फिर से आबाद हो सकेंगे। गांव आबाद होंगे तो बंजर में तब्दील होते खेत फिर से लहलहाएंगे। उद्योग लगेंगे तो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सरकार की मानें तो पलायन रोकने के लिए न सिर्फ ग्रोथ सेंटर, बल्कि क्लस्टर आधारित खेती, फलोत्पादन के साथ ही इनके विपणन के पहलुओं को लेकर भी गंभीरता से कदम उठाए जाएंगे। उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य सरकार गहन होमवर्क के साथ अपनी पहल को धरातल पर उतारेगी।

[ स्थानीय संपादकीय: उत्तराखंड ]