जम्मू की सबसे बड़ी थोक फल मंडी नरवाल में स्थित आठ मंजिला कोल्ड स्टोरेज में पिछले चार दिनों से लगी आग पर नियंत्रण न होना गहन चिंता का विषय है। विडंबना यह है कि राज्य में कई बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के सयंत्र नहीं लगे हुए हैं जिस कारण कई बार आग लग जाने की सूरत में इसे बुझाया नहीं जाता और कई बार यह आग विकराल रूप धारण कर लेती है। जैसा कि कोल्ड स्टोरेज में बुधवार को लगी आग की घटना के दौरान देखने को मिला। इस बहुमंजिला इमारत में कोई अग्निशमन की व्यवस्था नहीं थी। इससे जाहिर हो जाता है कि कहीं न कहीं अग्निशमन विभाग में पर्याप्त संसाधनाें की कमी है। इतना ही नहीं इस कोल्ड स्टोरेज में न तो कोई आपातकालीन दरवाजा था जिस कारण आग पर काबू पाया जा सकता। केवल एक ही दरवाजा होने के कारण आग बुझाने में सबसे अधिक दिक्कतें पेश आई। गनीमत यह रही कि आग में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ जबकि स्टोर में पड़े फल एवं ड्राई फ्रूट स्वाह हो गए। नियमों के अनुसार होटल, लॉजिस और तमाम व्यवसायिक और सरकारी इमारतों में काम करने वाले लोगों के जानमाल की रक्षा के लिए नगरनिगम, फायर बिग्रेड और प्रदूषण नियंत्रण विभाग से हर साल एनओसी लेना अनिवार्य है लेकिन शहर में अभी भी कई ऐसी इमारतें हैं जहां पर इन नियमों को ताक पर रखा जाता है।

इतना ही नहीं यही हाल होटलों, अस्पतालों, रेस्तरां, शापिंग मॉल, क्लीनिकों व नर्सिग होम का भी है, जहां हर समय लोगों की भीड़ जुटी रहती है। दुख की बात यह है कि जिन होटलों, फैक्ट्रियों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जो अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं वो आउटडेटिड हो गए हैं। कई बार तो यंत्र होने के बावजूद लोगों को आग बुझाने के तौर-तरीके तक नहीं मालूम होते, जिस कारण छोटी सी घटना बड़ा रूप ले लेती है। औद्योगिक एवं फल अैार फ्रूट मंडियों के आसपास रिहायशी इलाकों का भी विस्तार हुआ है। सरकार को चाहिए कि आग जैसी आपदा से निपटने के लिए निर्धारित मापदंडों को सख्ती से लागू करवाए ताकि जानमाल के नुकसान पर अंकुश लग सके।

(स्थानीय संपादकीय: जम्मू-कश्मीर)