पंजाब सरकार अवैध खनन पर पूरी तरह नकेल नहीं कस पा रही है। ऐसा तब है जब इस संबंध में मुख्यमंत्री ने डीजीपी व संबंधित डिप्टी कमिश्नरों को भी निर्देश दिए थे। पटियाला में दो दिन पहले घग्गर दरिया में अवैध खनन करते हुए एक व्यक्ति को रंगे हाथ काबू किया गया है। उससे जेसीबी मशीनें भी बरामद की गई हैं। अन्य जिलों से भी आए दिन अवैध खनन के मामले सामने आ रहे हैं। यह हैरानीजनक है कि कई जिलों में प्रशासन की ओर से अवैध खनन रोकने के लिए टीमें बनाई गई थीं लेकिन लापरवाही के कारण इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है। अवैध खनन की शिकायत दर्ज करवाने के लिए टेलीफोन नंबर भी जारी किए गए थे। पटियाला में ही दो माह में थाना भादसों, पातड़ां, शंभू, पसियाणा व जुल्का क्षेत्र में अवैध खनन के मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश सरकार अवैध खनन पर शिकंजा कसने के लिए कार्पोरेशन बनाने पर विचार कर रही है।

स्थानीय निकाय मंत्री पूरी प्रक्रिया को समझने के लिए तेलंगाना भी गए थे। प्रदेश में अवैध खनन का मुद्दा काफी दिनों तक गर्माया हुआ था। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर अवैध खनन पर रोक लगाने के साथ ही जनता को वाजिब कीमतों पर रेत उपलब्ध करवाई जाएगी। तेरह माह बाद भी सरकार ऐसा नहीं कर सकी है। अवैध खनन पर काफी हद तक मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद शिकंजा तो कसा गया है लेकिन पूरी तरह रोक नहीं लग पाई है। प्रदेश में रेत के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं। इतना ही नहीं, लोगों को आसानी से रेत उपलब्ध भी नहीं हो पा रही है। प्रदेश सरकार को अवैध खनन पर रोक लगाने के साथ ही यह भी देखना चाहिए कि लोगों को जरूरत के मुताबिक रेत आसानी से उपलब्ध हो। रेत न मिलने के कारण निर्माण कार्यो में बाधा उत्पन्न हो रही है। प्रदेश सरकार व उच्च अधिकारियों को अवैध खनन रोकने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]