हरियाणा सरकार ई गवर्नेंस पर जोर दे रही है। इससे पारदर्शिता भी आएगी और योजनाओं में आमजन की भागीदारी भी बढ़ेगी। अब हेल्पलाइन नंबर और ई-मेल सेवा शुरू करने की तैयारी है। जिससे कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव सरकार तक पहुंचा सकेगा। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ई गवर्नेंस का जितना ज्यादा इस्तेमाल करेगी, उतना ही श्रेयस्कर होगा। अभी सरकार को पुलिस, राजस्व, जनस्वास्थ्य और शहरी निकाय विभाग को खास तौर से सुधारना होगा और ऑनलाइन प्रणाली के जरिये बदलाव लाने की कोशिश करनी होगी। आम आदमी के लिए अब भी इन विभागों से अपना कार्य करवा पाना मुश्किल हो रहा है।

सरकार चाहे तो थोड़े से अतिरिक्त प्रयास से बिजली, राजस्व व जनस्वास्थ्य विभाग की स्थिति में तेजी से बदलाव आ सकता है। ऐसा नहीं कि सरकार ने इन विभागों के बारे में सोचा नहीं है। वर्तमान में शहरी स्थानीय निकाय संस्थाओं द्वारा अपने स्तर तथा विभागीय वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन पंजीकरण, जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र, विवाह प्रमाणपत्र, मकान और दुकान का नक्शा, फायर फाइटिंग एनओसी, व्यापारिक लाइसेंस पंजीकरण की सुविधाएं दी जा रही हैं। पुन: पंजीकरण, पानी तथा सीवर कनेक्शन, प्रॉपर्टी टैक्स बिल एवं अदायगी रसीद, विभिन्न प्रकार की फीस, चार्ज एवं कर के भुगतान की भी व्यवस्था है। अन्य विभागों में भी ई गवर्नेंस से आमजन की तमाम दुश्वारियां तो दूर होंगी ही सरकार को भी इसमें फायदा ही फायदा है। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

[ स्थानीय संपादकीय: हरियाणा ]