प्रदेश सरकार ने बच्चों को स्कूल लाने व छोड़ने वाली स्कूली टैक्सियों के लिए नियम बनाकर बच्चों की सुरक्षा की पहल की है

नूरपुर हादसे के बाद निजी स्कूलों की टैक्सियों पर उठ रहे सवालों के बाद सरकार ने अब कैबिनेट में ही दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग द्वारा बच्चों की सुरक्षा के लिए तैयार यातायात दिशानिर्देश (ट्रांसपोर्टेशन गाइडलाइन) को मंजूरी देने से अब बच्चों की सुरक्षा की चिंता कुछ हद तक कम होती नजर आ रही है। अब अभिभावक टैक्सी किराये पर नहीं लेंगे बल्कि बच्चों के लिए टैक्सी उपलब्ध करवाने का जिम्मा स्कूल प्रबंधन का होगा। परिवहन विभाग मुख्यमंत्री की ओर से सभी निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यो को यातायात सुरक्षा दिशानिर्देश से संबंधित जानकारी को लेकर पत्र भेजेगा। निजी स्कूली की मनमानी के नाम पर अभिभावक हमेशा लुटते रहे हैं। कभी फीसों के नाम पर तो कभी वर्दी के नाम इनकी मनमानी पर कभी अंकुश नहीं लग पाया है। लेकिन ताजा मामला मासूम बच्चों की जान से जुड़ा है, लिहाजा प्रदेश सरकार ने पहल करते हुए सख्ती बरतने का आदेश दिया है। नए निर्देशों के अनुसार अब स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा स्कूल बस में कंडक्टर के साथ महिला अटेंडेंट भी तैनात करनी होगी। बस चालक का पांच साल से कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।

सरकार ने हर तीन महीने बाद इसकी चेकिंग करने का भी आदेश दिया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, उपमंडल अधिकारी व पुलिस अधिकारी हर तीन महीने बाद स्कूल बस, वैन और टैक्सियों के चेकिंग करेंगे। प्रदेश सरकार की यह पहल सराहनीय है लेकिन चिंताजनक यह है कि आखिर सरकार को अब तक किसी हादसे का ही इंतजार था। यह नियम पहले बनाए होते तो शायद मासूम बच्चों को बचाया जा सकता था। किसी भी संस्था को चलाने के लिए नियम जरूरी होने चाहिएं, लेकिन नियमों की निगरानी करना सबसे लाजिमी है। बच्चों को लाने व ले जाने के लिए सरकार की ओर से बनाए गए नियम तब तक सार्थक नहीं होंगे जब तक इनकी निगरानी सही तरीके से न की जाए। इसके लिए जरूरी है कि स्कूल प्रबंधन व बस चालकों के साथ हर दो या तीन महीने के अंतराल के बाद बैठक की जाए। स्कूलों की भी कुछ समस्याएं होंगी उनका पक्ष जानना भी जरूरी है। इन सभी पक्षों को मिलकर बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने होंगे, तभी इन नियमों की सार्थकता साबित होगी।

[ स्थानीय संपादकीय: हिमाचल प्रदेश ]