संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा परिणाम में हरियाणवी छा गए हैं। निश्चित रूप से ये आनंदित होने का समय है। गौरव का क्षण है। प्राकृतिक संसाधनों के सूखे से जूझ रहा हरियाणा अब पूरे देश के लिए उच्च कोटि के मानव संसाधन की खान बनकर उभरा है। किसान अन्न के भंडार लगा देश का पेट भरते हैं और जांबाज सैनिक सीमा पर जान लड़ा दुश्मनों को नाकों चने चबा रहे हैं। खेलों में तो दुनिया के दिग्गज देशों को चुनौती दे रहे हैं। अब संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा परिणाम से एक बार फिर साबित हो गया है कि हरियाणवी प्रतिभा में बेजोड़ हैं। अलग राज्य के तौर पर हरियाणा करीब पांच दशक पूर्व अस्तित्व में आया। तब प्रदेश के बड़े हिस्से पर राजस्थान की तरह बालू उड़ती थी।

प्राकृतिक संसाधन के नाम पर किसानों के पास जमीन थी और उसमें भी बड़े हिस्से तक पानी नहीं पहुंचता था। नीति नियंताओं ने आधारभूत ढांचे के विकास को तवज्जो दी तो किसानों ने पसीने से बंजर धरा में सोना उपजा दिया। आज उसी मेहनत का परिणाम सोना बनकर चमक रहा है। तमाम चुनौतियों व बेहतर संसाधनों की कमी से जूझते हुए यह प्रतिभाएं दुनिया में देश का नाम रोशन कर रही हैं। खेल, सेना, शिक्षा व विज्ञान कोई भी क्षेत्र हरियाणवी प्रतिभाओं ने दुनिया में देश का नाम आगे बढ़ाया है। सेना में तो दस फीसद हिस्सेदारी हरियाणा के जवानों की है। खेलों में हम एक तिहाई तक हिस्सेदारी रहती है। अनाज उत्पादन में हम बड़े-बड़े राज्यों को चुनौती देते हैं। लोक सेवा आयोग के कुछ वर्षो के परिणाम यह संकेत दे रहे हैं कि हम इसमें भी अव्वल रहने की तरफ बढ़ रहे हैं। उम्मीद करें कि जल्द ही वह लक्ष्य पा लेंगे।

[ स्थानीय संपादकीय: हरियाणा ]