तृणमूल कांग्रेस में सेकेंड-इन-कमान रहे मुकुल रॉय भाजपा में शामिल हो चुके हैं और अपना प्रभाव दिखाने के लिए लगातार अपने लोगों को भाजपा में शामिल करा रहे हैं। साथ ही अपनी क्षमता से भाजपा नेतृत्व का भी परिचय कराने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि हावड़ा जिले के उलबेडिय़ा लोकसभा क्षेत्र में दो दिन पहले सभा में उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य पार्टी को दो नंबर नहीं बल्कि एक नंबर बनाना है। मुकुल को जिस उद्देश्य के साथ भाजपा ने झंडा थमाया है, उसमें वे कितने सफल होते हैं, इसकी पहली परीक्षा बहुत जल्द होने वाली है। पश्चिम मेदिनीपुर जिले की सबंग विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। 21 दिसंबर को सबंग में मतदान होना है। वैसे तो इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है लेकिन यहां से लगातार कई बार विधायक निर्वाचित होने वाले मानस भुइयां तृणमूल का दामन थाम चुके हैं और राज्यसभा सांसद बन गए हैं। तृणमूल ने उक्त सीट पर कब्जा जमाने के लिए मानस भुइयां की पत्नी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं वाममोर्चा भी दम दिखा रहा है। भाजपा भी पूरी ताकत लगाएगी, इसमें कोई शक नहीं है। 2016 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस व वाममोर्चा ने मिलकर लड़ा था लेकिन उसके बाद राज्य में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में वाममोर्चा और कांग्रेस का गठबंधन स्वत: टूट चुका है। इस बार सबंग विधानसभा उपचुनाव में वाममोर्चा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। माकपा की रीता मंडल वाममोर्चा उम्मीदवार हैं। पिछली बार वाममोर्चा के समर्थन से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मानस भुइयां ने चुनाव जीता था लेकिन बाद में वे तृणमूल में शामिल हो गए। मानस लगातार सबंग सीट से जीतते रहे हैं इसलिए तृणमूल ने वहां मानस के जनाधार को देखते हुए उनकी पत्नी गीतारानी भुइयां को उम्मीदवार बनाया है। यहां बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि तृणमूल को सांगठनिक तौर पर मजबूत करने में महती भूमिका निभाने वाले मुकुल अपने दम पर सबंग विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को जीत दिला सकते हैं या नहीं? क्या मुकुल अपनी सांगठनिक क्षमता साबित कर पाएंगे? तृणमूल को कमजोर करने और भाजपा का वोट बैंक बढ़ाने के लिए मुकुल हर स्तर पर राजनीतिक हथकंडा अपना रहे हैं। वैसे तो उनकी कोशिश तृणमूल उम्मीदवार को हराने की होगी लेकिन इसमें वे सफल नहीं होते हैं तो उन्हें भाजपा की झोली में कुछ न कुछ वोट लाने होंगे। इसके लिए उन्हें कई स्तर पर काम करके चुनावी परीक्षा पास करना होगी।
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(हाईलाइटर ::: तृणमूल को सांगठनिक तौर पर मजबूत करने में महती भूमिका निभाने वाले मुकुल अपने दम पर सबंग विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को जीत दिला सकते हैं या नहीं?)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]