पुरानी दिल्ली सहित दिल्ली के अन्य स्टेशनों पर ढांचागत विकास और यात्री सुविधाएं तय समय सीमा में बढ़ाने का फैसला सराहनीय है। इससे यात्रियों की परेशानी दूर होगी। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन दिल्ली का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है। यहां रोजाना लगभग दो लाख यात्री पहुंचते हैं। इसके बावजूद यह स्टेशन उपेक्षित रहा है। स्टेशन के प्रवेश द्वार के पास गंदगी फैली रहती है। अतिक्रमण की भी समस्या है। रेल परिसर में भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। प्लेटफॉर्मो की दशा भी बहुत अच्छी नहीं है। फुट ओवरब्रिज (एफओबी) की चौड़ाई भी बहुत कम है। इससे यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर जाने में परेशानी होती है। त्योहारों के समय भीड़ बढ़ने पर तो भगदड़ जैसी स्थिति हो जाती है। इन परेशानियों को देखते हुए रेल प्रशासन ने इस स्टेशन की दशा सुधारने का फैसला किया है। इसके लिए रेल अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सौ बिंदु तय किए गए हैं, जिन पर काम होना है। ये सभी काम चरणबद्ध तरीके से नौ माह के अंदर पूरे किए जाएंगे।

स्टेशन की इमारत को चमकाने के साथ ही प्लेटफॉर्म और एफओबी की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। सफाई में आने वाली परेशानी भी दूर की जानी है। यात्रियों को सामान्य और आरक्षित टिकट लेने में भी आसानी होगी। इसी तरह से अन्य स्टेशनों पर भी विकास कार्य किए जाने हैं। इसके साथ ही सुरक्षित रेल परिचालन के लिए संरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्लेटफॉर्म और यार्ड में पटरियों को दुरुस्त करने के साथ ही संरक्षा की अन्य कमियों को दूर करने का भी कार्य शुरू किया गया है, जिससे दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि फंड में किसी तरह की कमी नहीं हो।

[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]