पंजाब एक और चुनाव के लिए तैयार है। रविवार को प्रदेश के तीन निगमों, नगर परिषदों व नगर पंचायतों के लिए मतदान होना है। निश्चित रूप से ये चुनाव प्रदेश के विकास के नए आधार के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं। किसी भी शहर के लिए निगम का महत्व किसी से छिपा नहीं है। साथ ही पंचायतों व नगर परिषदों की भी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि सही दल और सही प्रत्याशी का चुनाव किया जाए। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लोग घरों से निकलें और अपने मताधिकार का प्रयोग करें। अक्सर यह देखा जाता है कि जनता जिस तरह का उत्साह विधानसभा व लोकसभा चुनावों के दौरान दिखाती है, वैसा निगम चुनावों में नहीं रहता। इस बार विधानसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं ने उत्साह दिखाया था, इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि इस चुनाव में मतदान के लिए भी लोग घरों से निकलेंगे। बेशक सरकार व प्रशासन ने किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं, फिर भी कई बूथ ऐसे हैं, जिन्हें अति संवेदनशील घोषित किया गया है। लोकतंत्र में चुनाव एक उत्सव की तरह होते हैं, इसमें हिंसा और दुर्भावना का स्थान नहीं होना चाहिए। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार चुनाव शांतिपूर्ण होंगे और सभी लोग इसे सकारात्मक रूप से स्वीकार करेंगे। मतदाताओं को खासतौर पर यह ध्यान देना होगा कि वे किसी के दबाव में आकर अथवा किसी से डर के या किसी प्रलोभन में आकर मतदान न करें, अपितु पूर्णत: निष्पक्ष होकर अपना प्रतिनिधि चुनें जो उनकी समस्याओं का समाधान कर सके और उनके लिए आवाज बुलंद कर सके। उम्मीद है कि लोग अधिक से अधिक संख्या में मतदान के लिए घरों से बाहर निकलेंगे और धन-बल र्व ंहसा के सहारे चुनाव जीतने का प्रयास करने वालों को सबक सिखाएंगे।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]