केरल और कुछ अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले देखकर इस आशंका को बल मिलना स्वाभाविक है कि क्या तीसरी लहर शुरू होने वाली है? हालांकि इस सवाल पर फिलहाल विशेषज्ञ अलग-अलग विचार व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ना कोई शुभ संकेत नहीं। बीते कुछ दिनों से प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के 40 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कोरोना वायरस के कुछ नए प्रतिरूप भी सामने आए हैं। हालांकि अभी उन्हें खतरनाक नहीं माना गया है, लेकिन इसका भरोसा नहीं कि वे कब संक्रमण को तेजी से बढ़ाने का काम करने लगें। इन हालात में उचित यही है कि संक्रमण से बचे रहने के उपायों को लेकर सचेत रहा जाए।

मुश्किल यह है कि दूसरी लहर का समापन न होने और तीसरी लहर की आशंका के सिर उठाए रहने के बाद भी आम लोग अपेक्षित सावधानी का परिचय नहीं दे रहे हैं। भीड-भाड़ वाले स्थानों में बड़ी संख्या में लोग बिना मास्क के तो दिखते ही हैं, वे शारीरिक दूरी का परिचय देना भी जरूरी नहीं समझते। छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में लोगों के रुख-रवैये से तो ऐसा लगता है कि वे यह मान बैठे हैं कि कोरोना या तो है ही नहीं या फिर उसके संक्रमण का कोई खतरा नहीं रह गया है। यह ठीक रवैया नहीं। यह लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने वाली और तीसरी लहर को निमंत्रण देने वाली साबित हो सकती है। ऐसा न हो, इसके लिए राज्य सरकारों और उनके प्रशासन को सक्रियता दिखानी होगी। नि:संदेह इसका यह मतलब नहीं कि वे ऐसी सख्ती बरतें कि उसके नतीजे में आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़े। ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही लोगों को आगाह तो किया ही सकता है। इसके अलावा ऐसी व्यवस्था की जा सकती है, जिससे सार्वजनिक स्थलों और खासकर भीड़ वाली जगहों पर लोग कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें। इसके लिए आवश्यक हो तो जागरूकता अभियान नए सिरे से चलाया जाना चाहिए।

लोगों को कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए आगाह करना इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि एक तो स्कूल-कालेज खुलने लगे हैं और दूसरे, त्योहारों का सिलसिला शुरू होने वाला है। वास्तव में कोरोना संक्रमण से बचे रहने के उपायों को अपनाने और आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों को बल देने के बीच संतुलन बैठाने की आवश्यकता है। इस आवश्यकता की पूíत तभी संभव है, जब आम लोग जरूरी सतर्कता बरतने के साथ टीका लगवाने में प्राथमिकता का परिचय देंगे। जिन लोगों ने अभी टीके की पहली खुराक भी नहीं ली, उन्हें तो अवश्य ही ऐसा करना चाहिए।