सोनीपत में शादी का झांसा देकर एक महिला 35 अधेड़ कुंवारों को ठग ले गई। विवाह का मंडप तैयार था और शादी की पार्टी की भी पूरी तैयारी हो चुकी थी और अंतिम समय में दूसरे राज्यों से युवतियों को लेकर आने वाली महिला ही रफू-चक्कर हो गई। शादी के नाम पर ठगी का यह पहला प्रकरण नहीं है। 2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा में लिंग अनुपात देश में सबसे कम था। सालों से कोख में बेटियों की हत्या की प्रवृत्ति के कारण प्रदेश में दूसरे राज्यों से बहू लाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी। कुछ लोगों ने बकायदा इसे संगठित व्यापार का रूप दे दिया। यह संगठन शादी के नाम पर मोटा पैसा वसूलते हैं और दूसरे राज्यों की बेटियों से विवाह करवाने का दावा करते हैं। शादी की उम्र पार कर चुके कुंवारे आसानी से इनका शिकार हो जाते हैं।
यह स्थिति एक दिन में नहीं बनी। इसका मूल कारण है बेटियों के प्रति हमारी नकारात्मक सोच। भले ही हमारी बेटियां दुनिया में देश व राज्य का नाम रोशन कर रही हों पर हम अभी भी उन्हें बराबरी का हक देने को तैयार नहीं है। उसे पैदा होने से पहले ही कोख में मार दिया जाता है। सख्त कानून और कड़ी कार्रवाई के बावजूद समाज बेटियों के कोख में कत्ल का सिलसिला निरंतर जारी है। दर्जनों ऐसी कोख की कब्रगाह पर कार्रवाई भी हुई है। सामाजिक योजनाएं भी लाई गईं। सरकार के इन प्रयासों से सामाजिक चेतना कुछ बढ़ी है पर अभी भी कुछ लोग पुरानी मानसिकता में फंसे हैं। आवश्यकता इस सोच पर ही प्रहार करने की है। 

[ स्थानीय संपादकीय: हरियाणा ]