बिहार सरकार को कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा जिस तरह दुरुस्त करना पड़ा, उससे यह संदेह होता है कि कहीं इसी तरह की गफलत अन्य राज्यों में तो नहीं हुई? यह अच्छी बात है कि बिहार सरकार ने अपनी भूल स्वीकार कर ली, लेकिन उसे इसकी तह तक जाना होगा कि आखिर यह गड़बड़ी हुई कैसे? कम से कम उसे आगे इसके लिए सतर्क रहना होगा कि कोरोना से हुई मौतों की गिनती सही तरह से हो और उन्हें कम करके बताने-छिपाने का कोई काम न होने पाए। यह सतर्कता अन्य राज्यों को भी दिखानी होगी, क्योंकि यह एक धारणा है कि दूसरे राज्यों ने भी कोरोना से होने वाली मौतों की गिनती सही तरह से नहीं की।

कई राज्य सरकारों और उनके प्रशासन पर ऐसे आरोप भी लगे हैं कि कोरोना से होने वाली मौतों की सही संख्या नहीं बताई गई। इन आरोपों को निराधार भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि कई शहरों में यह देखने को मिला कि श्मशान गृहों और कब्रिस्तान में कहीं अधिक शवों का अंतिम संस्कार हुआ, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ ही मौतों की स्वीकारोक्ति की गई। इसी कारण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ऐसे सवाल उठे कि देश में कोरोना से होने वाली जनहानि का सही-सही विवरण नहीं दिया जा रहा है। पता नहीं सच क्या है, लेकिन अच्छा होता कि ऐसे सवालों के लिए कोई गुंजाइश नहीं बनने दी जाती कि कोरोना से जान गंवाने वालों का सही आंकड़ा नहीं दिया जा रहा है।

किसी त्रसदी से जुड़ा सच कितना भी कटु हो, उसे स्वीकार करना ही सही होता है। बिना किसी दबाव-छिपाव के दिए जाने वाले आंकड़े एक तो वस्तुस्थिति को रेखांकित करते हैं और दूसरे, शासन-प्रशासन को विश्वनीयता भी प्रदान करते हैं। इसके साथ-साथ वे जनमानस को हकीकत का सामना करने और नीति-नियंताओं को भविष्य के लिए ठोस रणनीति बनाने में भी सहायक साबित होते हैं। कम से कम अब तो यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी राज्य में वैसी कोई गड़बड़ी न हो, जैसी बिहार में हुई।

नि:संदेह इसी के साथ यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किन लोगों की मौतों को कोरोना का शिकार बताया जाएगा, क्योंकि यह देखने में आ रहा है कि जो तमाम लोग कोरोना से उबरने के बाद अन्य किसी व्याधि से दम तोड़ दे रहे हैं, उनकी गिनती कहीं तो कोरोना से हुई मौतों में की जा रही है और कहीं अन्य के खाते में। बेहतर हो कि इस बारे में भारत सरकार की ओर से स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएं। यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि कोरोना से हुई मौतों के मामले में मुआवजे का भी निर्धारण होना है।