रसाना कांड पर लोगों केआक्रोश का सामना कर रही राज्य सरकार में दो मंत्रियों के त्यागपत्र के बाद से पीडीपी-भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल होना तय था। मगर भाजपा ने जिस प्रकार उपमुख्यमंत्री सहित छह मंत्रियों को बदला है, उससे साफ है कि पार्टी ने अपनी छवि बेहतर बनाने का प्रयास किया है। यह किसी से नहीं छिपा है कि पहले राजौरी में नए जिले बनाने फिर जनजातीय लोगों को जमीन आवंटन करने और अब रसाना कांड के बाद भाजपा के प्रति लोगों में रोष व्याप्त है। इसी का परिणाम है कि भाजपा को अपने सहयोगी दल के दबाव में दो मंत्रियों के त्यागपत्र लेने पड़े। सोमवार को भाजपा ने फेरबदल कर सभी को साधने का प्रयास किया है। कठुआ जिले से जहां पहले की तरह ही एक कैबिनेट मंत्री और अनुसूचित जाति के एक मंत्री के स्थान पर दूसरे को मंत्रिमंडल में जगह देकर यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वह सभी वर्गो को लेकर साथ चलने में विश्वास रखती है। उसने केवल चेहरे बदले हैं, लेकिन समीकरण पहले की तरह ही बरकरार रखे हैं।

मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद अब भाजपा ने जम्मू संभाग के जम्मू, कठुआ, राजौरी, सांबा व रियासी जिलों को प्रतिनिधित्व दिया है। ऐसा करते हुए पार्टी ने आगामी संसदीय चुनावों का भी ध्यान रखा है। भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ समङो जाने वाले डोडा से युवा चेहरे को राज्यमंत्री बनाया तो किश्तवाड़ से ही अपने राज्यमंत्री का दर्जा बढ़ाकर कैबिनेट में जगह दी। हालांकि इस फेरबदल में पार्टी के इकलौते महिला चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। भाजपा पर अपने कुछ मंत्रियों को हटाने का काफी समय से दबाव था। उसने कई चेहरों को बदल कर यह भी संदेश दिया कि केवल वही मंत्रिमंडल में रहेगा, जो लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में सफल होगा। हालांकि भाजपा की सहयोगी पीडीपी ने भी मंत्रिमंडल फेरबदल में दो नए चेहरों को जगह दी है। मगर अब देखना है कि जिस फेरबदल की कई दिनों से चर्चा चल रही थी, वह लोगों की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतर पाती है और भाजपा को अपनी छवि बेहतर बनाने में कितना लाभ मिलता है।

[ स्थानीय संपादकीय: जम्मू-कश्मीर ]