रोहतक में पाकिस्तानी एजेंट की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। हरियाणा कूटनीतिक दृष्टि से काफी संवेदनशील है। प्रदेश में सेना के बड़े अड्डे हैं और राष्ट्रीय राजधानी से सटा होने के कारण दुश्मन देश की खुफिया एजेंसियां ऐसी गतिविधियों पर नजर रखती हैं। यह एजेंट सेना की मूवमेंट पर नजर गड़ाए रहते ही हैं। भर्ती के दौरान सेना की नई रणनीति को भांपते हैं। सोनीपत के युवक की गिरफ्तारी से साफ है कि पड़ोसी देश नापाक गतिविधियों के लिए प्रदेश के युवाओं को शिकंजे में फंसा रहा है। पूर्व में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि अभी तक बाहरी एजेंटों को ही भेजा जाता था। अब प्रदेश के युवाओं को भी हनी ट्रैप व अन्य माध्यमों से फंसाया जा रहा है।

इस एजेंट की जिम्मेवारी हिसार, अंबाला व मेरठ के सैन्य बेस तक पहुंच बनाकर खुफिया जानकारी जुटाने की थी। इससे पूर्व हिसार, सिरसा व अन्य जिलों में आइएसआइ के खुफिया एजेंटों की गिरफ्तारी के बाद दावा किया गया था कि इस नापाक नेटवर्क को ध्वस्त किया जा चुका है। अब एक और गिरफ्तारी से साफ है कि पाकिस्तानी एजेंसी फिर से प्रदेश में अपना मकड़जाल फैलाने में जुटी है। बहुत संभव है कुछ और लोगों को भी जोड़ा गया हो। इस बार तकनीकी रूप से सक्षम लोगों को घेरा गया है ताकि वे बिना सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आए खुफिया सूचनाएं साझा करते रहें। ऐसे में संवदेनशील क्षेत्रों की फिर से सुरक्षा जांच किए जाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे तत्व नेटवर्क न फैला सकें। साथ ही आम आदमी को भी सचेत होना होगा और ऐसे तत्वों पर नजर रखनी होगी ताकि देश के अमन चैन पर कोई बुरी निगाह न डाल सके।

[ स्थानीय संपादकीय: हरियाणा ]