आगामी कुछ माह में पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा कमर कसकर तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा नेतृत्व ने पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी तृणमूल छोड़कर आए मुकुल राय को सौंपी है। मुकुल को तृणमूल में रहते हुए पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा और लोकसभा तक चुनावों के लिए काम करने का अनुभव है। भाजपा मुकुल के इस अनुभव को काम में लगाना चाहती है। इसीलिए उन्हें पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाजपा में मुकुल की यह परीक्षा की घड़ी है। पंचायतों में स्थिति का जायजा लेने के लिए वह जिलों के दौरा पर निकल चुके हैं। प्रथम चरण में वह नदिया समेत कई जिलों का दौरा करेंगे। अमित शाह अप्रैल के प्रथम या दूसरे सप्ताह में राज्य के दौरे पर आने वाले हैं और पंचायत चुनाव की तैयारियों का जायजा लेंगे। पूवरेत्तर के तीन राज्यों खास त्रिपुरा में भारी जीत से भाजपा नेतृत्व बंगाल को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित है। अमित शाह ने तो यहां तक कहा है कि भाजपा जब बंगाल को जीत लेगी तब उसका स्वर्ण युग शुरू होगा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा के लिए बंगाल कितना महत्वपूर्ण है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि पंचायत चुनाव से बंगाल में भाजपा की विजय यात्र शुरू होगी जो लोकसभा और विधानसभा चुनावों तक जारी रहेगी। मुकुल का कहना है कि राज्य में सरकार प्रायोजित ¨हसा चल रही है। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति दयनीय है। सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस का प्रयास होगा कि पंचायत चुनाव में भाजपा सभी जगह उम्मीदवार नहीं दे सके। तृणमूल कांग्रेस विपक्ष विहीन पंचायत चाहती हैं, लेकिन यह संभव नहीं है। भाजपा पंचायत चुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी। तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण प्राप्त गुंडों के आतंक से निजात पाने के लिए भाजपा प्रशासन की मदद लेना चाहेगी। पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराने में पुलिस व प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन उन्हें नहीं लगता है कि राज्य की पुलिस व स्थानीय प्रशासन चुनाव में निष्पक्ष रूप से काम करेगा। मुकुल राय जब ऐसी बात कह रहे हैं तो इसमें कुछ सच्चाई लगती है। इसलिए मुकुल को तृणमूल की सारी गतिविधियों का पता है। ऐसा कहकर वह केंद्रीय बलों की निगरानी में पंचायत चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं।

[स्थानीय संपादकीय- पश्चिम बंगाल]