ऑस्ट्रेलिया में भारतीय क्रिकेट टीम की अद्भुत सफलता में सबके लिए संदेश है और वह यही है कि मजबूत इरादे, टीम भावना और कुछ कर दिखाने की ललक हो तो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी कठिन से कठिन चुनौती से पार पाया जा सकता है

अपने देश में क्रिकेट खेल से बढ़कर है। लोकप्रियता के चरम को छूने वाला यह खेल पूरे देश का ध्यान आकर्षित करने के साथ ही उसे जोड़ने का भी काम करता है। इसी कारण जब कोई बड़ी उपलब्धि हासिल होती है तो चहुंओर उत्साह-उमंग एवं गर्व की लहर दौड़ जाती है। अर्से बाद ऐसा तब हुआ, जब भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया से चौथा और अंतिम टेस्ट मैच जीतकर सीरीज भी अपने नाम कर ली। यह करिश्मा इसलिए अधिक उल्लेखनीय है, क्योंकि भारतीय टीम ने ब्रिसबेन के उस मैदान में ऑस्ट्रेलिया को हराया, जहां वह तीन दशक से अधिक समय से कोई मैच नहीं हारी। चूंकि भारतीय टीम ने एक तरह से अजेय दुर्ग को भेद दिया और वह भी तमाम मुश्किलों के बीच, इसलिए इस जीत की चर्चा दुनिया भर में है। यह होनी भी चाहिए, क्योंकि भारतीय टीम पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में महज 36 रन पर ढेर होकर बुरी पराजय से दो-चार हुई थी। ऐसी करारी हार के बाद आमतौर पर टीमों का मनोबल टूट जाता है, लेकिन भारत की युवा टीम ने दिखाया कि वह एक अलग मिट्टी की बनी है और उसे गिरकर उठना और फिर जीतना आता है। उसने दूसरा टेस्ट मैच जीता और तीसरे को तब ड्रा कराया, जब माना जा रहा था कि यह असंभव सा लक्ष्य है। इसी कारण उस ड्रा को जीत की संज्ञा दी गई।

पहले टेस्ट मैच के बाद भारतीय टीम का जो कायाकल्प हुआ, वह इसलिए चमत्कृत करने वाला है, क्योंकि नियमित कप्तान विराट कोहली भारत लौट चुके थे और इसी के साथ एक के बाद एक खिलाडि़यों के चोटिल होने का सिलसिला कायम हो गया था। हालांकि शीर्ष खिलाड़ी चोटिल होकर बाहर होते गए, लेकिन इससे कप्तान अजिंक्य रहाणे की युवा टीम के जज्बे में कोई कमी नहीं आई। कहीं कम अनुभव रखने और यहां तक कि टेस्ट मैच में पदार्पण करने वाले खिलाडि़यों के बलबूते भारतीय टीम ने जिस तरह फिर से ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हरा दिया, वह यही बताता है कि उसकी ताकत बढ़ने के साथ उसके तेवरों में भी बहुत बदलाव आया है। बदलते भारत की क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया में महज एक सीरीज ही नहीं जीती, बल्कि यह भी दिखाया है कि एक नए भारत का उदय हो रहा है, जो कहीं अधिक दृढ़ संकल्पित है और उसे उसके लक्ष्य से डिगाया नहीं जा सकता। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय क्रिकेट टीम की अद्भुत सफलता में सबके लिए संदेश है और वह यही है कि मजबूत इरादे, टीम भावना और कुछ कर दिखाने की ललक हो तो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी कठिन से कठिन चुनौती से पार पाया जा सकता है।