हाइलाइटर
जनजातीय बच्चों के लिए शुरू किए गए हेल्थ कार्ड की योजना सराहनीय है। सरकार को स्कूलों में सभी वर्गों के बच्चों के लिए हेल्थ कार्ड बनाने की योजना शुरू करनी चाहिए।
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यह सर्वविदित है कि स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। बचपन से ही बच्चों की सेहत का ध्यान रखा जाए तो उनका सर्वांगीण विकास हो सकता है। बच्चों को पौष्टिक भोजन के साथ उनके हर तरह के स्वास्थ्य की जांच होनी भी जरूरी है। आर्थिक तंगी के कारण गरीब परिवारों के लिए यह मुश्किल भरा है। इसे देखते हुए ही प्रदेश सरकार ने अब ऐसे गरीब बच्चों के सर्वांगीण विकास का जिम्मा उठाया है। कल्याण विभाग द्वारा संचालित 132 आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत इन गरीब तबकों के बच्चों के लिए हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और आदिम जनजाति (पीटीजी) के बच्चों के लिए संचालित इन स्कूलों में हर महीने कैंप लगाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच होगी। शरीर में किसी तरह की कमी पाए पर इन बच्चों का समुचित इलाज होगा। बच्चों को हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। विभाग ने बच्चों पर अन्य सुविधाओं के मद में खर्च होने वाली राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी कर दी है। इसका प्रत्यक्ष लाभ इन स्कूलों में अध्ययनरत लगभग 21 हजार बच्चों को मिलेगा। इन सुविधाओं पर सरकार हर बच्चे पर सालाना तकरीबन 30 हजार की राशि खर्च करेगी। यह काफी बेहतर और अभिनव प्रयोग है। झारखंड जैसे राज्य में एससी-एसटी और आदिम जनजाति के बच्चों में कुपोषण और एनीमिया से पीडि़त बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाया जाना सरकार की दूरगामी सोच को दर्शाता है। हालांकि, सरकार की यह जिम्मेदारी भी बनती है कि वह इन बच्चों से इतर अन्य वर्गों से आने वाले बच्चों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए। कारण यह कि यह जरूरी नहीं है कि सामान्य वर्ग से आने वाले बच्चों के माता-पिता पूरी तरह साधन संपन्न हों। इसलिए सरकार को समाज के अन्य वर्ग के बच्चों के लिए भी इस तरह के हेल्थ कार्ड स्कूलों में बनाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू करनी चाहिए। जिससे सभी वर्गों के बच्चों की स्वास्थ्य जांच हो सके । ऐसा करने से राज्य के हर बच्चे का समान रूप से ख्याल रखा जा सकेगा। सभी को समुचित शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।

[ स्थानीय संपादकीय : झारखंड ]