आतंकी संगठनों का पश्चिम बंगाल से तार जुडऩा नई बात नहीं है। 1990 के दशक में मुंबई में हुए सीरियल धमाके से लेकर हाल के वर्षों में देश के अन्य कई हिस्सों में हुए आतंकी हमले का तार बंगाल से जुड़ता रहा है। पहले बंगाल से अंतरराष्ट्रीय कुख्यात आतंकी सगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी हुई थी। इससे पहले बांग्लादेश में सक्रिय जमात-उल-मुजाहिदीन के बड़े मॉड्यूल का भी भंडाफोड़ हुआ था। परंतु, अलकायदा जैसे कुख्यात आतंकी संगठन से जुड़े किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। परंतु, मंगलवार को जिस तरह से कोलकाता पुलिस के स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी (आइबी) की सूचना पर अलकायदा से जुड़े दो बांग्लादेशी आतंकियों को कोलकाता से गिरफ्तार किया है वह बड़ी चिंता का विषय है। अक्सर ही मीडिया में खबरें आती है कि बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरवाद बढ़ रहा है। आइएसआइएस और अलकायदा जैसे खूंखार आतंकी संगठन बांग्लादेश में जड़ जमा रहा रहे हैं। जिसमें बांग्लादेश के स्थानीय आतंकी संगठन उन्हें मदद दे रहे हैं। म्यांमार से भगाए गए कुछ रोहिंग्या मुस्लिम का भी इन आतंकी संगठनों से संबंध होने की बात कही जाती रही है। ऐसे में मंगलवार को कोलकाता रेलवे स्टेशन के निकट से गिरफ्तार दो बांग्लादेशी आतंकियों के बारे में कहा जा रहा है कि वे दोनों अंसार बांग्ला टीम के सदस्य हैं जो अब अलकायदा के लिए काम कर रहे हैं। अंसार बांग्ला टीम वही आतंकी संगठन हैं जो बांग्लादेश में आजाद ख्याल व धर्मनिरपेक्षता के पक्ष में आवाज उठाने वाले ब्लागरों व लेखकों की हत्या करता रहा है। कोलकाता एसटीएफ के उपायुक्त मुरलीधर शर्मा की मानें तो वे पिछले एक डेढ़ वर्षों से बंगाल में रह रहा था और बीच-बीच में देश के अन्य हिस्सों में भी जाता रहता था। यह तो महज दो आतंकी संगठन एक स्थानीय हथियार सप्लायर की गिरफ्तारी संभव हो सकी है। इस आतंकी संगठन के तहत तक जाना होगा। क्योंकि, बंगाल के सीमावर्ती जिलों में कई ऐसे संगठन व लोग हैं जो कïट्टरपंथियों को मदद करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। बद्र्धमान के खागड़ागढ़ में धमाके के बाद जिसे तरह से जमात-उल-मुजाहिदीन के बड़े मॉड्यूल का पता चला था वैसा ही इस मामले में भी हो सकता है। इस मामले में हमारे देश की सभी प्रमुख जांच एजेंसियों को गंभीरता से इस मामले की जांच कर तहत तक जाना होगा। ताकि आतंकी संगठनों का समूल नष्ट किया जा सके।
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(हाईलाइटर::: बद्र्धमान के खागड़ागढ़ में धमाके के बाद जिसे तरह से जमात-उल-मुजाहिदीन के बड़े मॉड्यूल का पता चला था वैसा ही इस मामले में भी हो सकता है।)

[ स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल ]