हरियाणा सरकार के स्कूलों से अतिथि अध्यापकों की विदाई टलने की उम्मीद है। लंबे समय से आंदोलनरत अतिथि अध्यापकों को प्रदेश सरकार ने राहत देने की तैयारी कर ली है। हाई कोर्ट में कानूनी लड़ाई हार चुके इन अतिथियों की विदाई तय मानी जा रही थी पर अब शायद ही ऐसा हो। इससे पूर्व सरकार उनके वेतन में वृद्धि का एलान कर चुकी है। अतिथि अध्यापक नियमित शिक्षकों के समकक्ष वेतन, छुट्टियां व अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे थे। पूर्ववर्ती सरकार में भर्ती हुए इन शिक्षकों के संगठनों की सरकार से लगातार बात हो रही है और उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कार्यालय जल्द इनकी मांगों पर मुहर लगा देगा। सरकार काफी समय से इस पर निर्णय लेना चाह रही थी।

पर चिंता यह है कि अगर सरकार इन शिक्षकों को नियमित करने की राह खोज भी लेती है तो सरकार के समक्ष ऐसी मांगों की झड़ी लग जाएगी। आंगनबाड़ी व आशा वर्कर पहले से ही आंदोलनरत हैं। इसी तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी नियुक्तियां अनुबंध आधार पर हैं। आवश्यक है कि विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्ति प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जाए। नौकरियों में पारदर्शिता के मंत्र को लेकर सरकार आगे बढ़ाती भी दिख रही है। सरकार की बड़ी चिंता यह भी है कि इस आंदोलन की आड़ में कमजोर लोग व्यवस्था में जगह न बना लें। ऐसे में आवश्यक है कि राहत की घोषणा के साथ पात्रता परीक्षा समेत तमाम जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएं।

[ मुख्य संपादकीय: हरियाणा ]