नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के पटरी से उतरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बृहस्पतिवार रात नई दिल्ली से वाराणसी जाने वाली मंडुआडीह एक्सप्रेस के छह डिब्बे पटरी से उतर गए। गनीमत रही कि ट्रेन की रफ्तार कम थी और आशंका होते ही चालक ने ट्रेन रोक दी। हादसे में भले ही कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन छह डिब्बों के पटरी से उतरने की घटना गंभीर है और दर्शाती है कि एक के बाद एक लगातार हो रहे हादसों को रोकने की दिशा में कुछ भी गंभीरता से नहीं किया जा रहा है। रेलवे ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश अवश्य दिए हैं, लेकिन हर हादसे के बाद सिर्फ जांच के आदेश देकर कर्तव्य की इतिश्री कर लिए जाने को किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता।

मंडुआडीह एक्सप्रेस के बेपटरी होने से पहले रांची राजधानी और जम्मू राजधानी सहित पांच ट्रेनें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और इसके नजदीक बेपटरी हो चुकी हैं। इससे दिल्ली के इस सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन पर सुरक्षित रेल परिचालन को लेकर प्रश्न उठना लाजमी है। रेलवे ने यह दावा अवश्य किया है कि स्टेशन, यार्ड व इसके आसपास के क्षेत्र का माइक्रो सेफ्टी ऑडिट कर एक्शन प्लान तैयार किया गया है और इसके आधार पर सभी खामियां दूर की जा रही हैं,लेकिन रेलवे के इन दावों के बीच यह चिंताजनक ही है कि यहां एक और ट्रेन पटरी से उतर गई। रेलवे को पूरे मामले की ठीक से जांच करानी चाहिए और खामियों को जल्द दूर करना चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा से समझौता कतई नहीं होना चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]