डॉ. महेश परिमल। हमारे जीवन में भाषा का महत्वपूर्ण स्थान है। यही है, जिससे हम सामने वाले को अपनी बात समझा सकते हैं, साथ ही उसकी बात समझ सकते हैं। हर भाषा-बोली का अपना महत्व है। सभी को अपनी मातृभाषा प्रिय होती है। भले ही वह उस भाषा का उपयोग अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए न करता हो, पर अपनी भाषा-बोली के प्रति सदैव समर्पित रहता है।किसी भाषा को सीखना उतना मुश्किल नहीं है, जितना हम समझते हैं।

मातृभाषा को सीखने के लिए क्या हम पहले उसकी वर्णमाला सीखते हैं? क्या हम उस भाषा का व्याकरण पहले सीखते हैं? नहीं, आप कहेंगे कि वह तो आपस में बोलने से आ जाती है। दरअसल भाषा सीखना एक कला है। घर में अधिकांश बच्चे तीन भाषाओं के जानकार होते हैं। जैसे-पहली भाषा माता-पिता की, दूसरी बोलचाल की और तीसरी शिक्षा की भाषा। इनको सीखने के लिए बच्चों को किसी भी प्रकार से पहले उनका व्याकरण नहीं सीखना होता। बच्चे पहले भाषा सीखते हैं, फिर व्याकरण।

जब हम किसी से उसकी भाषा के कुछ शब्द बोल देते हैं, तो उसे अच्छा लगता है। इसलिए यदि हम अपने साथियों से उनकी भाषा के शब्द लेकर उसका प्रयोग करें और उसे अपनी भाषा के कुछ शब्दों से परिचित करवाकर वाक्यों में प्रयोग के लिए कहें, तो भाषाई शब्दों का यह आदान-प्रदान एक अच्छा खेल साबित हो सकता है। क्षेत्रीय बोली या भाषा को जानकर उसे अपने लिए इस्तेमाल करना आज के नेता बखूबी समझते हैं। चुनावी दौरे पर जब ये नेता दूसरे प्रदेश जाते हैं, तो सबसे पहले वहां की बोली या भाषा के शब्दों का उच्चारण करते हैं। इस संबोधन से वे कुछ देर के लिए आम जनता के दिलों तक पहुंच जाते हैं। उसके बाद वे नेता फिर कुछ भी कहें, उससे आम जनता को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, तो यह है भाषा का चमत्कार।भाषा को जानने-समझने के लिए हमें अच्छा श्रोता होना होगा। जब दो लोग बात कर रहे हों, तो ध्यान से उनके शब्दों को पकड़ने की कोशिश करें। उनके उच्चारण को समङों। इसके साथ ही उनके चेहरे के हाव-भाव को परखें। ऐसा करने से नई भाषा को सीखने में मदद मिलेगा।

जब आप दूसरी भाषाओं के शब्दों को समझने लगेंगे, तो आप पाएंगे कि सभी भारतीय भाषाओं के व्याकरण कुछ अंतर के साथ एक जैसे हैं। कई बार शब्दों की साम्यता भी दिखाई देगी। जैसे-शक्कर को मराठी में साखर कहते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रूसी भाषा में भी शक्कर को साखर ही कहते हैं। अब यह शोध का विषय है कि मराठी शब्द रूस पहुंचा या रूस से महाराष्ट्र पहुंचा। इसी तरह काटना शब्द हर भाषा में एक ही तरह से बोला जाता है। यहां तक कि अंगरेजी में भी। जाहिर है शब्दों की यह दुनिया बड़ी मोहक है। जिसने इसको जान लिया, समझो उसने जीवन के सार को समझ लिया।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)