बिहार, आलोक मिश्र। Bihar Asembly Election 2020 इस समय बिहार में दो ही चर्चा में हैं, एक कोरोना तो दूसरा चुनाव। बीच में चुप्पी साधे चल रहे कोरोना ने अपनी तेजी दिखानी शुरू कर दी है और आंकड़े में तेजी से इजाफा कर रहा है। वहीं लॉकडाउन में मंद पड़ी राजनीति भी अनलॉक में तेज हो चली है। एक दूसरे के घर में सेंध, अपने किले को बचाने और फांकों को समेटने के लिए छिलके को मोटा करने की हर तरफ कवायद है। जबकि फांके हैं कि रह-रह कर खोल पर चोट करने से गुरेज नहीं कर रहीं। एनडीए हो या महागठबंधन, दोनों एक-दूसरे पर हमलावर तो हैं, पर आमने-सामने की लड़ाई में खुद के सहयोगी फिलहाल दिक्कत बने हुए हैं। दोनों के ही सामने पहली लड़ाई घर ठीक करने की ही है।

आजकल तीखे तेवर हैं लोजपा के युवराज चिराग के। रिश्ता तल्ख होता जा रहा है नीतीश से। तल्खी सीटों को लेकर है। पिछले विधानसभा में भले ही दो सीटें मिली थीं लोजपा को, लेकिन बाद के लोकसभा चुनाव में 35 विधानसभा सीटों पर बढ़त थी। इसलिए दावा 43 का है। जदयू का तर्क है कि लोजपा, भाजपा की सहयोगी है इसलिए भाजपा अपने कोटे से उसे समायोजित करे। विधान परिषद की राज्यपाल कोटे की 12 सीटों में भी हिस्सेदारी बड़ा मुद्दा है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव तीनों में तालमेल बनाए रखने की कवायद में जुटे हैं। मंगलवार को चिराग से मिले और बुधवार को नीतीश से मुलाकात हुई। इस मुलाकात में सीटों पर भी बात हुई। विधान परिषद में तो सात जदयू, चार भाजपा और एक लोजपा का फार्मूला तय होता नजर आ रहा है। लेकिन विधानसभा का गणित उलझा है। चिराग आजकल राज्य सरकार की बखिया उधेड़ते रहते हैं। हालांकि नीतीश इस पर चुप्पी साधे हैं। उनका निशाना राजद है।

पांच एमएलसी व एक पूर्व विधायक तोड़कर वह अगले लक्ष्य पर डटे दिखाई दे रहे हैं। उधर तेजस्वी दोहरे मोर्चे में फंसे हैं। लालू से विरासत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनका करिश्मा नहीं सीख पाए हैं। इसलिए अगर किसी को साधने चलते हैं तो घर के भीतर ही विरोध गूंजने लगता है। दबंग रामा सिंह को लाने चले तो बुजुर्ग रघुवंश प्रसाद सिंह नाराज हो गए। वो नाराज हुए तो लालू बीच में कूद गए और रामा की इंट्री में फिलहाल ब्रेक लग गया। पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पौत्री व पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से भाई तेजप्रताप की शादी के बाद तलाक से हुई किरकिरी से बचने के लिए ऐश्वर्या की चचेरी बहन को पार्टी में शामिल किया तो तेजप्रताप का मुंह फूल गया। चुनाव में तेजप्रताप की शादी के मुद्दे को कुंद करने के लिए ही तेजस्वी ने यह चाल चली थी, लेकिन घर में खटास ही फैली। पार्टी में सेंध लग ही रही है और आगे भी कई चेहरों पर जदयू की निगाहें हैं। लालू-राबड़ी राज को एनडीए मुद्दा बनाएगा। इसलिए अपने माता-पिता की पुरानी गलतियों पर माफी भी मांगते घूम रहे हैं। दूसरी तरफ सहयोगी दल समन्वय समिति बनाने की मांग कर रहे हैं। जिस पर अभी तक चुप्पी साधे थी कांग्रेस, लेकिन जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी की कुलबुलाहट कहीं घर न दरका दे इसलिए कांग्रेस को भी इसमें कूदना पड़ा। इसलिए सीटों के गुणा-गणित को लेकर महागठबंधन की यह मांग भी अब नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं हैं तेजस्वी।

इस चुनावी धरपकड़ के बीच कोरोना ने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी है। ग्यारह हजार के करीब आंकड़ा पहुंच गया है। चार-पांच सौ रोज निकलने लगे हैं। पटना में ही सौ-सवा सौ मिल रहे हैं। आम और खास में कोई अंतर नहीं समझ रहा कोरोना। जिसने लापरवाही बरती, आ गया चपेट में। अनलॉक के बाद तेजी से पसरा है कोरोना। चुनावी चक्कर में तमाम नेता भी इसकी चपेट में आ गए और वो अकेले नहीं आए, ठीक-ठाक बांट कर आ गए। पटना के पास पालीगंज में तो एक ऐसी शादी से बवाल मच गया जिसमें शामिल न केवल सवा सौ लोग पॉजिटिव हुए, बल्कि शादी के दूसरे दिन दूल्हा ही चल बसा। लापरवाही यह हुई कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी उसकी शादी करा दी गई और जलसा सजा दिया गया। सरकार पसोपेश में है कि क्या करे? इसलिए मास्क न पहनने पर पचास रुपया जुर्माना लगाया गया है। अगर अनलॉक का इसी तरह दुरुपयोग होता रहा तो चुनाव तो दूर घर से निकलना दूभर हो सकता है। क्योंकि चुनावी माहौल में वर्चुअल के बूते किसी की नैया पार लगती नहीं दिख रही। इसलिए बाहर निकलने से भी नेता बाज नहीं आएंगे।

[स्थानीय संपादक, बिहार]