राकेश झुनझुनवाला। हाल में मुझे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं पहले से ही उनसे बहुत प्रभावित रहा हूं। उनकी सादगी, ईमानदारी, विजन, काम को अंजाम देने पर फोकस, दृढ़ संकल्प, लचीलापन और इन सबसे बढ़कर उनके सामाजिक, आर्थिक और कल्याणकारी एजेंडे ने मुझे हमेशा बहुत प्रभावित किया है। भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने की उनकी आकांक्षा से भी मैं भाव विभोर रहा हूं। भारत को लोकतंत्र, सहिष्णुता, कौशल और उद्यमिता वर्ग का सदैव लाभ मिलता आया है। संप्रति भारत में विश्व की सबसे अनुकूल जनसांख्यिकी वास करती है, जहां देश की 25 प्रतिशत से अधिक आबादी 25 वर्ष से कम आयु वालों की है। कई वैश्विक कारक भी भारत के अनुकूल हैं। मसलन पूंजी की प्रचुरता, कम ब्याज दर, बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विनिर्माण के लिए चीन का विकल्प तलाशना। ऐसी अनुकूल परिस्थितियों में भारत को एक उत्प्रेरक की आवश्यकता थी।

बड़े फैसले लेने में बिल्कुल नहीं हिचकते प्रधानमंत्री मोदी

इतिहास के इस अहम पड़ाव पर प्रधानमंत्री मोदी ऐसे ही उत्प्रेरक हैं, जिनकी भारत को हमेशा से दरकार थी। वह दृढ़निश्चयी हैं, राजनीतिक रूप से कुशाग्र हैं और उनका नजरिया दीर्घकालिक है। वह निर्भीक हैं और बड़े फैसले लेने में बिल्कुल नहीं हिचकते, भले ही वे कुछ समय के अलोकप्रिय ही क्यों न हों। वह समय की भूमिका के साथ-साथ लोगों द्वारा परिवर्तन को स्वीकार करने की चुनौती को भी समझते हैं।

सामाजिक विकास से जुड़ी उनकी नीतियों में भी मुझे पूरा भरोसा है और मैं पूरे विश्वास के साथ उनका समर्थन करता हूं। समान नागरिक संहिता वास्तव में किसी भी प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक तत्व है। उनका एजेंडा देश के सभी नागरिकों और समुदायों के लिए उचित भाव वाला है। अतीत के उलट कल्याणकारी योजनाओं की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए वह प्रत्यक्ष नकदी अंतरण यानी डीबीटी जैसी पहल पर जोर दे रहे हैं।

हाशिये पर मौजूद सबसे कमजोर तबकों के लिए कर रहे काम

मुझे इसे लेकर भी बहुत खुशी है कि उनका प्रशासन भारत, भारतीयता और भारत के गौरव पर ध्यान दे रहा है। उनकी आर्थिक नीतियों में भी मुझे पूरा भरोसा है और मैं पुरजोर तरीके से उनका समर्थन करता हूं। आइबीसी, रेरा, बिजली सुधार, कृषि सुधार, श्रम सुधार, खनन सुधार, जीएसटी, कारपोरेट कर को तार्किक बनाने, निजीकरण, संपदा मौद्रीकरण और कर प्रणाली से जुड़े अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों में सुधारों को गति देकर वह समृद्धि के लिए एक आधार तैयार कर रहे हैं। इन सुधारों की शक्ति 10 प्रतिशत या उससे अधिक की सतत आर्थिक वृद्धि के लिए आधारभूत स्तंभ बनेगी। यह सतत आर्थिक वृद्धि प्रत्येक भारतीय के लिए लाभदायक होगी, विशेषकर हाशिये पर मौजूद सबसे कमजोर तबकों के लिए।

मोदी की विकास एवं कल्याणकारी नीतियां

प्रधानमंत्री मोदी की विकास एवं कल्याणकारी नीतियों पर मुझे पूरा भरोसा है। स्वच्छ भारत, उज्ज्वला योजना, नल से जल पहल, जन आरोग्य योजना, जन धन योजना और पीएम आवास योजनाएं भारतीयों के जीवन में बदलाव लाई हैं। खासतौर से वंचित वर्गो को इनका सबसे अधिक लाभ मिला। इन योजनाओं ने न केवल उन्हें ऊपर उठाया, बल्कि उन्हें आर्थिक एवं वित्तीय तंत्र की मुख्यधारा में भी ले आईं। इन योजनाओं से उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ। मैं इनसे हुए लाभ पर कुछ प्रकाश डालता हूं। यूनिसेफ के अनुसार देश की 50 प्रतिशत से कम आबादी को स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध है। करीब 54 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं, जिनमें किशोरियां भी शामिल हैं, के रोजाना करीब 35 मिनट पानी का बंदोबस्त करने में खर्च होते हैं। तमाम बीमारियां भी पानी की वजह से होती हैं। नल से जल जैसी पहल इस बदरंग तस्वीर को सुधारेगी। आज लगभग प्रत्येक भारतीय का बैंक खाता है, जिसका श्रेय जन धन योजना को जाता है। जन धन के साथ ही यूपीआइ जैसे प्लेटफार्म से भारतीय बिना किसी खर्च और समय गंवाए आसानी से पैसों का लेनदेन करने में सक्षम हुए हैं, जबकि पहले यह इतना आसान नहीं था। काम के सिलसिले में दूर रहने वाला प्रत्येक भारतीय आज वीडियो काल के जरिये अपने परिवारजनों से बात कर सकता है।

भारत के भविष्य को ध्यान में रखकर सोच रहे पीएम मोदी

ईश्वर ने मुझे मेरी आवश्यकता से अधिक ही दिया है, लेकिन मेरा यही सपना है कि प्रत्येक भारतीय के पास अपना घर, स्वच्छता से परिपूर्ण जीवन, पोषण, पेयजल, शिक्षा, बढ़िया नौकरी और एक प्रगतिशील समाज का हिस्सा होने के नाते इन सबसे बढ़कर भी बहुत कुछ होना चाहिए। मोदी जी सामाजिक, आर्थिक और विकास के इन पहलुओं पर केवल आज को ध्यान में रखकर ही नहीं, अपितु भावी पीढ़ियों के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। वह आर्थिक वृद्धि को इस प्रकार गति देने में सक्षम होंगे, जिससे प्रत्येक भारतीय के विकास और कल्याण के ये लक्ष्य वास्तविकता का रूप ले सकें। वह केवल अगले चुनाव को नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को ध्यान में रखकर सोच रहे हैं। मोदी जी भारत को तीन अद्भुत धाराओं की त्रिवेणी के मुहाने पर ले आए हैं। इनमें एक धारा तो 10 प्रतिशत से अधिक की सतत आर्थिक वृद्धि वाली है। दूसरी धारा सामाजिक नीतियों को सशक्त बनाने वाली है। तीसरी धारा प्रभावी कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी है, जिसके केंद्र में प्रत्येक भारतीय के जीवन की गुणवत्ता सुधारना है। भारत पहले कभी इतना सौभाग्यशाली नहीं रहा, जब ये सभी धाराएं एक ही साथ इस प्रकार सध रही हों।

भारत को महाशक्ति बनाने का सपना सुरक्षित हाथों में

जब मैं उनसे मिला तो उनकी विनम्रता देखकर हतप्रभ रह गया। करीब 18-20 घंटे काम करने के बावजूद उनके चेहरे पर शिकन का कोई नामोनिशान नहीं था। उनके साथ फोटो खिंचाने के लिए मेरी पत्नी के अनुरोध पर वह मेरी सेहत संबंधी कठिनाइयों को देखते हुए मेरे पास तक आए और दयालुता से मुझे उठने में मदद की। इसके बाद मैं और मेरी पत्नी उनके साथ फोटो खिंचा सके। यह छोटा सा घटनाक्रम उनके विनम्र स्वभाव को दर्शाता है। उनके जैसे करिश्माई और शक्तिशाली व्यक्ति के लिए इतना विनम्रता भाव आसान नहीं है। उनको नमन करना बनता है। उन्होंने अपना जीवन सुशासन को समर्पित कर दिया है। पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और अब भारत के प्रधानमंत्री के रूप में वह ऐसा कर रहे हैं। मेरी राय थी कि वह भारत के बेहतरीन प्रधानमंत्री हैं। मुझे लगता है कि वह भारत के सर्वकालिक महान प्रधानमंत्री बनने की राह पर हैं। मैं ये बात बहुत हल्के अंदाज में नहीं कह रहा। भारत को महाशक्ति बनाने का मेरा सपना सुरक्षित हाथों में है।

(लेखक जाने-माने निवेशक हैं)