अशोक श्रीवास्तव। बीते सप्ताह जैसे ही भारत के पब्लिक ब्रॉडकास्टर डीडी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो ने मौसम के समाचारों में गिलगित, मुजफ्फराबाद और मीरपुर का न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान बताया, पाकिस्तान का ‘मौसम’ बदल गया। पाकिस्तान में तूफान आ गया और इसके थपेड़े चीन में भी महसूस किए गए। मुजफ्फराबाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी है और मीरपुर इसी गुलाम कश्मीर का सबसे बड़ा शहर है। जहां तक गिलगित-बाल्टिस्तान की बात है, यह भी यूं तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का ही हिस्सा है, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से पाकिस्तान ने इसे स्वायत्तशासी क्षेत्र घोषित कर रखा है, जिस पर नवंबर 1947 से पाकिस्तान का कब्जा है।

पाक जब भी वह दबाव में आता है तो गलतियां करने लगता है : भले ही इन इलाकों पर दशकों से पाकिस्तान का कब्जा है, लेकिन ये तीनों क्षेत्र भारत का हिस्सा हैं। किंतु पिछले सात दशकों में भारत अपने ही इन इलाकों को लेकर कैसी ढुल-मुल नीति अपनाता रहा है, यह किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर कितनी आक्रामक है, यह दुनिया देख रही है। पिछले साल कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने के भारत के फैसले के बाद जैसे ही भारत ने अपने इन हिस्सों के मौसम की जानकारी ‘सरकारी’ टीवी और रेडियो पर देनी शुरू की, पाकिस्तान दबाव में आ गया। और पाकिस्तान की यह खासियत है कि जब भी वह दबाव में आता है तो गलतियां करने लगता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ।

जब सोशल मीडिया पर लोगों ने पाक रेडियो को जमकर ट्रोल किया : भारत को जवाब देने के लिए पाकिस्तान के सरकारी प्रसारकों ने रविवार को लद्दाख, पुलवामा, जम्मू के मौसम की भविष्यवाणियां करनी शुरू कर दीं, लेकिन पाकिस्तान रेडियो ने लद्दाख के अधिकतम तापमान को माइनस चार डिग्री और न्यूनतम तापमान को माइनस एक डिग्री बताया, यानी सब कुछ उल्टा-पुल्टा। फिर तो सोशल मीडिया पर लोगों ने पाकिस्तान रेडियो और पाकिस्तान को जमकर ट्रोल किया। लोगों ने यह सवाल भी उठाने शुरू कर दिए कि आखिर कश्मीर में क्या बड़ा होने जा रहा है? जवाब में कहा गया कि ‘कश्मीर ही बड़ा होने जा रहा है।’

इस वक्त भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही : जो लोग मौसम का हाल बताने पर कश्मीर में कुछ बड़ा होने की अटकलबाजियां लगाने लगे, वे इस तथ्य को नजरअंदाज कर बैठे कि इस वक्त भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है तो ऐसे में मोदी सरकार ऐसा कोई कदम भला क्यों उठाएगी जिससे देश की ताकत बंटे। तो आखिर क्यों अचानक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो मुजफ्फराबाद से लेकर गिलगित तक मौसम का हाल बताने लगे। दरअसल दूरदर्शन पिछले 15 वर्षो से मौसम की खबरों में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हाल भी बताता रहा है। आप पुरानी रिकॉर्डिग देखेंगे तो वेदर एंकर अक्सर चित्रल, गिलगित और मुजफ्फराबाद का मौसम बताते हुए नजर आएंगी, लेकिन ऐसा तभी होता था जब पूरे कश्मीर का मौसम बताया जाता था।

भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया : बीते कुछ वर्षो में मौसम के समाचारों का मिजाज बदला और सिर्फ देश के शहरों का तापमान बताने का चलन शुरू हुआ जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता से लेकर वाराणसी जैसे शहर तो थे पर गिलगित-मुजफ्फराबाद नहीं, लेकिन अब भारत के तमाम शहरों के साथ मुजफ्फराबाद, मीरपुर और गिलगित का भी तापमान बताया जा रहा है और इसी से भारत-पाकिस्तान का तापमान चढ़ने लगा है। दरअसल ऐसा करके भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश दिया है कि पूरा कश्मीर हमारा है और इस मुद्दे को लेकर भारत रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति पर काम कर रहा है।

पीओके में एक बार फिर आतंकियों के लांच पैड तैयार हैं : भारत को इस वक्त आक्रामक होना पड़ा, उसके पीछे कई कारण हैं। दरअसल सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट और अनुच्छेद 370 हटाने जैसे कदमों से पाकिस्तान को जो नुकसान हुआ था, उससे वह धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहा है। भारत के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि पीओके में एक बार फिर आतंकियों के लांच पैड तैयार हैं, चीन की शह और चुनावी साल में अमेरिकी राष्ट्रपति की अफगानिस्तान से निकलने की मजबूरियों का फायदा उठा कर पाकिस्तान कश्मीर में भारत के लिए मुश्किलें खड़ी करना चाहता है। साथ ही वह गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पांचवां प्रांत घोषित करने की साजिश में लगा है।

चीन को खुश करने के लिए पाकिस्तान के लिए ऐसा करना जरूरी है। चीन का महत्वाकांक्षी चीन-पाक आर्थिक गलियारा यहीं से गुजरता है जिस पर चीन के लाखों करोड़ रुपये दांव पर लगे हैं। भारत गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना इलाका बता कर इस परियोजना का विरोध कर चुका है। चीन समझ रहा है कि भारत का यह विरोध, यह दावा उसकी परियोजना के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, इसलिए पाकिस्तान गिलगित- बाल्टिस्तान को अपना प्रांत घोषित करके उसकी वैधानिक स्थिति बदलना चाहता है।

गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रमुख बुद्धिजीवी विचारक सेंगे सेरंग ने कहा : भारतीय विदेश मंत्रलय ने स्पष्ट कह दिया है कि पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलावा गिलगित-बाल्टिस्तान भी भारत का अभिन्न हिस्सा है, इसलिए पाकिस्तान इसे फौरन खाली कर दे। हालांकि भारत के विरोध पर पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया और भारत के विरोध को आधारहीन बता कर खारिज कर दिया, लेकिन मोदी सरकार इस मुद्दे पर मोर्चा छोड़ने को कतई तैयार नहीं है और भारत ने नए सिरे से नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इस बीच अमेरिका में बसे गिलगित-बाल्टिस्तान के प्रमुख बुद्धिजीवी विचारक सेंगे सेरंग ने जो कहा है उस पर भी देर-सबेर मोदी सरकार जरूर काम करना चाहती है। सेरंग ने कहा है कि तिरंगे की छांव में कश्मीर भारत के साथ खुश है और जल्द ही गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की भारत में वापसी होगी।

इसमें कोई शक नहीं कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर नरेंद्र मोदी सरकार के एजेंडे में है। प्रधानमंत्री ने पिछले साल ही राजौरी में कहा था कि इसकी कसक उनके मन में है। गृह मंत्री अमित शाह ने तो संसद में कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अक्साई चिन भारत के अभिन्न अंग हैं और हम इसके लिए जान दे देंगे। यही कारण है पीओके को लेकर कोई हलचल होती है तो बात बहुत आगे तक बढ़ जाती है। और इस बार भी यही हुआ।

[वरिष्ठ पत्रकार, डीडी न्यूज]