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धार्मिक भावनाओं पर दोहरी राजनीति, अभिव्यक्ति के सहज अधिकार पर दोहरापन
कांग्रेस नेता शशि थरूर का यह कथन चर्चा में है कि हमारा यह हाल हो गया है कि धर्म-मजहब के किसी पक्ष पर कुछ भी कहने पर कोई न कोई भावना आहत होने का दावा कर नाराज होने लगता है।
Editorial1 month ago -
पसमांदा मुस्लिमों के लिए बड़ी पहल, इस समाज को भी हाथ बढ़ाने की जरूरत
कथित सेक्युलर और सामाजिक न्याय की बात करने वाले राजनीतिक दलों द्वारा भारतीय जनता पार्टी का भय दिखाकर पसमांदा मुसलमानों का एकमुश्त वोट तो जरूर हासिल किया गया पर उन्हें कभी समुचित भागीदारी देने का प्रयास नहीं किया गया।
Editorial1 month ago -
भारत के इस कदम ने बढ़ाई पाक-चीन की बौखलाहट
यदि सरकार जी-20 शिखर सम्मेलन के कुछ आयोजन जम्मू या श्रीनगर में कराने में सफल रहती है तो चीन-पाकिस्तान की परेशानी बढ़नी तय है। पाकिस्तानी आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र में बार-बार अपने वीटो से बचाकर कश्मीर के सवाल पर चीन अपनी साख...
Editorial1 month ago -
राष्ट्रवादी राजनीति का संकट और ठोस समाधान के विकल्पों पर चर्चा का अभाव
हम इससे अवगत हैं कि दुनिया भर की तमाम ईसाई मिशनरियां भारत में छल-कपट से मतांतरण के लिए बेतहाशा धन भेजती हैं। इस मतांतरण के प्रतिकार के लिए देश में न तो कोई समर्थ संस्था है और न ही अभियान।
Editorial1 month ago -
खतरे में पड़ी परिवारवाद की राजनीति, पर आगे की राह अब भी आसान नहीं
चूंकि भाजपा परिवारवाद को मुख्य राजनीतिक विमर्श के रूप में स्थापित करने में कामयाब रही है इसलिए परिवारवादी राजनीति के पैरोकार उसके बचाव में सक्रिय हो गए हैं। जब बुराई में अच्छाई दिखाने की कोशिश होने लगे तो समझिए कि तर्क और ताक...
Editorial1 month ago -
नुपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट की फटकार उनके खिलाफ एक तरह का निंदा प्रस्ताव
नुपुर शर्मा के खून के प्यासे लोग किस कदर उन्माद से भरे हुए हैं इसका अनुमान अमरावती के उमेश कोल्हे और उदयपुर के कन्हैयालाल दर्जी की बर्बर हत्या से लगाया जा सकता है। इन लोगों ने वैसा कुछ नहीं कहा था जैसा नुपुर शर्मा ने कहा था।
Editorial1 month ago -
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विवादों के समाधान का अनुकरणीय उदाहरण, वर्तमान राजनीति के लिए भी बड़ा सबक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 जून को गुजरात के पावागढ़ में कालिका मंदिर पर ध्वजारोहण किया। हिंदू आस्था के केंद्रों में प्रमुख स्थान रखने वाले 52 शक्तिपीठों में से एक कालिका माता मंदिर में यह ध्वजारोहण 540 वर्ष के उपरांत सं...
Editorial1 month ago -
विचारधारा से समझौते का दुष्परिणाम, महाराष्ट्र में भारी पड़ी अपनों की अनदेखी
2019 में जब शिवसेना ने भाजपा से नाता तोड़कर लंबे समय से अपनी राजनीतिक दुश्मन कही जाने वाली राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाया तो उसके जमीनी कार्यकर्ताओं में असंतोष की एक अंतर्धारा देखी गई। इसे ठाकरे परिवार महसूस नहीं कर सका।
Editorial1 month ago -
जघन्य हत्या की एक स्वर में निंदा जरूरी, तभी ऐसे अपराधों पर लग सकेगा अंकुश
क्या सुप्रीम कोर्ट के जजों ने अपनी टिप्पणियों से नुपुर शर्मा के खिलाफ पुलिस और निचली अदालतों में पूर्वाग्रह पैदा नहीं कर दिया? एक तरफ तो उन्होंने अदालत में विचाराधीन मामले पर बहस कराने के लिए टीवी चैनलों और उनमें भाग लेने के ...
Editorial1 month ago -
विश्वास और विकास की निरंतरता के सौ दिन: जानें अपराध के लिए कुख्यात उत्तर प्रदेश कैसे 'सक्षम समर्थ प्रदेश' के रूप में स्थापित हुआ
कभी संगठित अपराध सत्तापोषित भ्रष्टाचार सांप्रदायिक दंगों और कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति के लिए कुख्यात रहा उत्तर प्रदेश आखिर कैसे सक्षम-समर्थ प्रदेश के रूप में स्थापित हो सका यह तमाम लोगों के लिए कौतूहल का विषय है किंतु बदलाव व...
Editorial1 month ago -
कर्ज देते समय बैंकों को बरतनी होगी सतर्कता, एनपीए वसूली के लिए अधिक अधिकार देने की जरूरत
आरबीआइ के आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकिग क्षेत्र में लगभग 35 प्रतिशत घोटाले अंदरूनी होते हैं जो केवल कनिष्ठ और मध्य स्तर के प्रबंधन की मिलीभगत का नतीजा हैं। स्पष्ट है कि कर्ज देते समय बैंकों को आवश्यक सतर्कता का परिचय देना ...
Editorial1 month ago -
वंशवादी दलों के लिए खतरे की घंटी: उद्धव ठाकरे का जो हश्र हुआ, उनसे राजनीतिक पार्टियां चेत जाएं तो बेहतर
भाजपा ने वंशवादी दलों के खिलाफ देश में अपनी मुहिम और तेज कर दी है। यह कोई छिपी बात नहीं कि समाजवादी पार्टी डीएमके टीडीपी राकांपा झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसे तमाम क्षेत्रीय दल परिवारवाद के पर्याय बन गए हैं।
Editorial1 month ago -
गलत मुद्दों में उलझे विपक्षी दल, जनता को भड़काकर अपने पक्ष में करना खतरनाक नैरेटिव
चुनाव लोकतंत्र की अग्निपरीक्षा होते हैं। किसी भी सरकार या दल को अनियंत्रित ताकत न मिल जाए इसीलिए संविधान निर्माताओं ने हर पांच साल में इस अग्निपरीक्षा का प्रविधान किया। जो उम्मीदों पर खरा न उतरे उसे जनता बाहर करने में देर नही...
Editorial1 month ago -
आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता के आसार: वैश्विक घटनाक्रम भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने में अहम कारक
वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत से पूंजी पलायन भी रुपये को गिराने में भूमिका निभा रहा है। ऐसे में कोई हैरानी नहीं कि रुपये में गिरावट का रुख कुछ समय के लिए जारी रहे। इस दौरान डालर के मुकाबले रुपया 80 के स्तर पर या उसके आसपास...
Editorial1 month ago -
राजनीति से रंगा इतिहास लेखन: शिक्षा संस्थानों के जरिये वामपंथियों का अपनी विचारधारा को आगे रखने का प्रयत्न
वास्तव में वामपंथियों ने शिक्षा संस्थानों के जरिये एक सोची-समझी रणनीति के तहत अपनी विचारधारा को आगे रखने का प्रयत्न किया। उन्हें लगा कि यदि इतिहास और समाजशास्त्र को उनकी इच्छानुसार लिखा जाए तो भावी पीढ़ी माक्र्स-लेनिन-माओ को ...
Editorial1 month ago -
आस्था से जुड़े प्रश्नों पर आतंक का साया: कन्हैयालाल की बर्बर हत्या भारत की सांस्कृतिक चेतना और हिंदू जनमानस पर कभी न भरने वाला घाव
कन्हैयालाल की बर्बर हत्या भारत के सांस्कृतिक आत्मा और हिंदू जनमानस को ऐसा घाव दे गई है जो आसानी से नहीं भरेगा परंतु ऐसा पहली बार नहीं हुआ। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जब-जब हिंदू देवी-देवताओं को लेकर भद्दी टिप्पणियां कीं तो हिंस...
Editorial1 month ago -
भारत में जिहादी सोच के खिलाफ खड़े होने का वक्त, फ्रांस जैसे देशों से लेनी होगी सीख
अशोक गहलोत सरकार अपने राज्य में बढ़ते मजहबी कट्टरवाद की कोई शिकायत सुनने को तैयार नहीं। कन्हैयालाल की हत्या के मामले में उन्होंने स्वयं को जवाबदेह मानने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से ही देश को हिंसा के व...
Editorial1 month ago -
गुजरात दंगों पर दुष्प्रचार भरे अभियान का अंत: अग्निपरीक्षा से तपकर और निखर कर निकले पीएम मोदी
गुजरात दंगों की जांच और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करने वाले बड़े एनजीओ और कथित मानवाधिकार संगठनों और मोदी विरोधी मीडिया का मुख्य उद्देश्य यही था कि किसी न किसी तरीके से मोदी को दोषी सिद्ध किया जाए।
Editorial1 month ago -
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए राजग प्रत्याशी बनाकर समावेशी राजनीति को सशक्त बनाती भाजपा
बार-बार सत्ता हासिल करना महत्वपूर्ण हो सकता है पर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण जनाधार बढ़ाना है और भाजपा यह काम बखूबी कर रही है। समाज के सभी वर्गो को लग रहा है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और शीर्ष पदों में उनकी समुचित हिस्सेदारी है।...
Editorial1 month ago -
IPS आरबी श्रीकुमार ने जो नरेन्द्र मोदी के साथ किया, उससे बुरा ISRO के वैज्ञानिक नंबी नारायण संग किया
आरबी श्रीकुमार की गिरफ्तारी पर 79 साल के नंबी नारायण बेहद खुश हैं। दरअसल श्रीकुमार ने जो कुछ भी नरेन्द्र मोदी के साथ किया उससे कही ज्यादा बुरा ISRO के वैज्ञानिक नंबी नारायण संग किया था। आइए नंबी नारायण की व्यथा-कथा भी जानिए।
Editorial1 month ago