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Panchayat Election: उद्देश्य से भटकती पंचायती राज व्यवस्था, आम सहमति से बनाया जाए नया कानून
मोदी सरकार देश में स्मार्ट सिटी मिशन पर काम कर रही है और दूसरी तरफ स्थानीय निकायों में मुखिया चुनने के लिए भयंकर दूषित प्रक्रिया देश भर में प्रचलित है। एक देश एक पंचायती राज प्रविधान पर आम सहमति से नया कानून बनाया जाए।
Editorial8 days ago -
भारत ने आपदा को बनाया अवसर, दिख रहा नीतिगत फैसलों का असर
भारत और दुनिया के बड़े-बड़े देशों की कोविड नीति पर गौर करें तो पाएंगे कि जहां उन्नत और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं ने मुख्य रूप से मांग को प्रोत्साहित करने की अपनी नीति पर फोकस किया। वहीं भारत ने आपूर्ति की कमी को नियंत्रित करने...
Editorial10 days ago -
सत्य बनाम हिंसा का संघर्ष, कालगति सत्यमेव जयते ही स्थापित करने की दिशा में है
मानवीयता की सहज भावना को उपेक्षित करके मनमानी हिंसा किसी मतवाद के लिए सम्मान हासिल नहीं कर सकती। इसीलिए रुश्दी मामले के बाद दुनिया में राजनीतिक इस्लाम के प्रति नकारात्मक भाव ही फैला। यहां तक कि विचारशील मुस्लिम युवाओं में भी ...
Editorial10 days ago -
रोजगार बढ़ाती डिजिटल अर्थव्यवस्था, नई पीढ़ी के लिए उभरते अपार अवसर
यह ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों में डेढ़ साल के भीतर 10 लाख नियुक्ति का निर्देश दिया है। यह महत्वपूर्ण है कि देश में बड़ी संख्या में युवा सरकारी नौकरियों में करियर बनाना अप...
Editorial11 days ago -
राष्ट्रवाद विरोधी खेमे में खड़ी होती कांग्रेस, क्यों नहीं पेश कर पा रही कोई वैकल्पिक विचार
किसी भी देश का राष्ट्रीय ध्वज उसके गौरव का प्रतीक होता है। कुछ ऐसे प्रतीक होते हैं जो दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं पर कांग्रेस हर घर तिंरगा अभियान का भी विरोध करेगी क्योंकि इसकी अपील प्रधानमंत्री मोदी ने की है।
Editorial11 days ago -
लूट की खुली छूट सरीखे हालात, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की ठोस पहल की जरूरत
इससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता कि संदिग्ध भ्रष्ट तत्व सीबीआइ ईडी आदि की गिरफ्त में आ रहे हैं।वास्तव में यह तब तक जारी रहेगी जब नेताओं और नौकरशाहों के भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोई ठोस पहल नहीं होती।
Editorial12 days ago -
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तालिबान की मुश्किलें बढ़ाएगी अल जवाहिरी की मौत, और बढ़ेंगी उसके गुटों की बीच की दरारें
2001 में जब नाटो सेनाओं ने अफगानिस्तान में तालिबान का शासन समाप्त किया तो माना गया कि अल जवाहिरी ने भी पाकिस्तान में शरण ले ली है। वहां पर वह भी लादेन के साथ अमेरिका के निशाने पर था।
Editorial12 days ago -
एमएसपी को प्रभावी बनाने की पहल, किसानों के कल्याण के लिए लीक से हटकर सोच की जरूरत
यह कमेटी भविष्य की आवश्यकताओं के लिए भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के बारे में सुझाव भी देगी। इसके अतिरिक्त शोध एवं विकास संस्थानों सहित कृषि विज्ञान केंद्रों को ज्ञान का केंद्र बनाने विश्वविद्यालयों एवं अन्य शैक्षिक संस्थानों...
Editorial13 days ago -
आवश्यक है भ्रष्ट तंत्र की साफ-सफाई, पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर भी कुछ सवाल हैं कायम
जांच एजेंसियों द्वारा ऐसी छापेमारी बहुत सामान्य सी बात रही है लेकिन शुरुआती दौर की हलचल के बाद उन्हें भुला दिया जाता था। ऐसे मामलों में सीबीआइ और ईडी (ED) द्वारा आरोप सिद्ध करने के कमजोर रुझान को देखते हुए ऐसी तमाम कार्रवाई ग...
Editorial13 days ago -
सार्वजनिक विमर्श का गिरता स्तर, संसद या विधानसभाओं को सुचारु रूप से चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, विपक्ष की भी
अभी हाल में देश को राष्ट्रपति के रूप में मिलीं पहली आदिवासी महिला के लिए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया वह किस राजनीतिक संस्कृति का द्योतक है? सार्वजनिक संवाद के क्षरण की रही-सही कसर न्यूज चैनलों ...
Editorial14 days ago -
पीएम मोदी के गवर्नेंस माडल में बढ़ी समाज में महिलाओं की भूमिका, हो रहा है पूरे परिवार और देश का सशक्तीकरण
पीएम मोदी के गवर्नेंस माडल ने समाज में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाया है। उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है। वित्तीय सशक्तीकरण के साथ महिलाएं अब अपने परिवारों और समुदायों में निर्णयकर्ता की भूमिका निभा रही हैं।
Editorial14 days ago -
Premchand: सत्य को बहुत दिनों तक रोका नहीं जा सकता है, उपन्यास सम्राट प्रेमचंद का हिंदू मन
Premchand स्कूल और कालेज की पुस्तकों में प्रेमचंद की रचनाओं की व्याख्या इस तरह से की जाती रही कि उनकी आस्था मार्क्सवाद में थी और उनकी रचनाओं में ये प्रतिबंबित होती थी। विश्वविद्यालयों के हिंदी विभागों में मार्क्सवादियों का बो...
Editorial14 days ago -
काले धन के धंधे पर प्रहार, उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ईडी का भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों पर कसेगा शिंकजा
एक समय था जब ईडी के निशाने पर आम तौर पर उद्योगपति ही रहते थे लेकिन धीरे-धीरे नेता और नौकरशाह भी उसकी जांच के दायरे में आते गए। आज ऐसे नेताओं और नौकरशाहों की गिनती करना कठिन है जो ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।
Editorial14 days ago -
हास्य व्यंग्य: साहित्य के विरुद्ध सियासत की साजिश, इसके विरुद्ध हमें मिलकर लडऩा होगा
लोकतंत्र में साहित्य की गरिमा गिरी है। अब से लोकतंत्र के मंदिर में किसी को कोई चोर-उचक्का नहीं कह सकता। यहां तक कि पाखंडी बेशर्म भ्रष्ट और मूर्ख कहना वर्जित है। ये सारे शब्द अब बेहद शरीफ हो गए हैं।
Editorial15 days ago -
National Education Policy 2020: शिक्षा को संकीर्ण सोच से निकाल 21वीं सदी के विचारों संग नवभारत निर्माण की आधारशिला
National Education Policy 2020 पीएम मोदी जुलाई-2022 में वाराणसी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम में शामिल हुए थे। पढ़ें- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर भाजपा नेता डॉ रमेश पोखरियाल नि...
Editorial15 days ago -
पिता के अधिकारों की अवहेलना, दांपत्य संबंधों की कड़वाहट से प्रभावित होते बच्चे
पश्चिमी देशों में पिता की भूमिका और बच्चों के जीवन में पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों पर निरंतर शोधों ने वहां की न्यायिक व्यवस्था में अलगाव की स्थिति में साझा परवरिश की अवधारणा को प्रतिस्थापित किया है। भारत में ऐसे शोधों का अभ...
Editorial16 days ago -
संसद और विधानसभाओं की घटती प्रासंगिकता, राजनीतिक दलों का खत्म होता लोकतंत्र
अक्सर विदेशी शिष्टमंडल संसद की दीर्घाओं में बैठकर हमारे लोकतंत्र को समझने आते हैं। क्या छवि लेकर जाते होंगे वे? संसद की कार्यवाही का सजीव प्रसारण होने से जनता सांसदों के विचार भाषा और व्यवहार को देखकर हतप्रभ और आहत होती है।
Editorial16 days ago -
खत्म हो अंकों की अंधी दौड़, इसके आगे जहां और भी है
क्या यह उचित नहीं होगा कि हम इस पर व्यापक विमर्श करें कि क्यों हमारे शिक्षण-संस्थान वैश्विक मानकों एवं गुणवत्ता की कसौटी पर खरे नहीं उतरते? क्यों हमारे विश्वविद्यालयों में मौलिक शोध एवं वैज्ञानिक-व्यावहारिक दृष्टिकोण का अभाव ...
Editorial17 days ago -
राजपक्षे, जानसन और शिंजो एबी- सत्ता की चाह और नेताओं का हश्र
राजपक्षे जानसन और एबी-इन तीनों नेताओं का संबंध दुनिया के अलग-अलग कोनों से है। अपनी प्रतिभा के दम पर वे राजनीतिक सफलता के शीर्ष पर पहुंचे। राजनीतिक वैचारिकी की दृष्टि से उन्हें कंजरवेटिव यानी परंपरावादी माना जा सकता है।
Editorial17 days ago -
नकदी हस्तांतरण योजना का प्रभाव, कमजोर पड़ती वंशवाद की राजनीति
दशकों तक राजनीतिक दल चुनावों में जिन सुविधाओं का सपना दिखाकर सत्ता हासिल कर रहे थे उन सुविधाओं को मोदी सरकार ने मात्र आठ वर्षों में सभी तक पहुंचा दिया। अब ऐसे क्षत्रपों-दलों के लिए चुनावी वादे बचे ही नहीं हैं।
Editorial18 days ago