[डॉ. दिलीप अग्निहोत्री]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से न्यू इंडिया का संकल्प दोहराया जिसमें समस्याओं को हटाकर विकास का मार्ग तैयार करने पर जोर दिया। शांति और सुरक्षा विकास के लिए आवश्यक है। इस संबंध में भारत को अपनी भूमिका का निर्वाह करना है। आतंकवाद मानवता के लिए चुनौती है। आतंकवाद के निर्यातक मुल्क से अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि अनेक देश पीड़ित हैं। भारत इनके साथ है। नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन यह जरूर दोहराया कि आतंकवाद का निर्यातक कौन है, यह जगजाहिर है। प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान की आजादी के सौ वर्ष पूरे होने की भी बधाई दी।

प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान
प्रधानमंत्री ने दो अक्टूबर को प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान शुरू करने का आह्वान किया। दुकानदार भाइयों से कहा कि वह अपनी दुकानों पर यह लिखें कि हमसे पॉलीथिन की अपेक्षा न करें, और जनसामान्य से अनुरोध किया कि आपस में भेंट स्वरूप उन्हें कपड़े के थैले देने चाहिए। जनसंख्या पर नियंत्रण के साथ ही उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने में सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की। सौ पर्यटन स्थलों को विश्व प्रसिद्ध बनाया जा सकता है। वंदे मातरम बोलने से प्रेरणा मिलती है। धरती मां को तबाह करने, बीमार बनाने का हक किसी को नहीं। प्रधानमंत्री ने किसानों से खेती में केमिकल का प्रयोग कम करने का आह्वान किया।

गरीबों के लिए पेंशन की व्यवस्था
आजादी के छह दशकों के बाद ही सही नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा गरीबों के लिए पेंशन की व्यवस्था की गई। जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया। आरोग्य सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास किए गए। मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता लाई गई, और सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। बच्चों की सुरक्षा हेतु कठोर कानून बनाए गए। पिछले पांच वर्षों में गरीब कल्याण योजनाओं पर बल दिया गया। सरकार का यह कार्यकाल लोगों के सपने साकार करेगा। अगले पांच वर्षों में नए भारत का निर्माण हो सकेगा।

सबका साथ सबका विकास
देखा जाए तो वर्ष 2014 के पहले लोगों में एक प्रकार की निराशा की भावना थी। पांच वर्ष तक प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने समर्पण भाव से कार्य किया। निराशा को आशा में बदल दिया। सबको विश्वास हुआ कि देश बदल सकता है। सबका साथ सबका विकास लेकर वे चले। इसमें सबका विश्वास जुड़ गया। अब स्वावलंबन के बल पर आगे की यात्रा चल रही है। इसी से सफलता हासिल होगी। समस्याओं का समाधान टुकड़ों में नहीं समग्रता से होगा। मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक से भयभीत रहती थीं। उनके इस भय को दूर किया गया। तमाम मुस्लिम मुल्क इसे पहले हटा चुके थे, लेकिन हमारे देश में इसे हटाने में संकोच था। इस सरकार ने इसे कर दिखाया। यह सरकार समस्याओं को न पालती है, न उसे छोड़ती है। जनता ने जो काम सरकार को सौंपा है, सरकार उसे पूरा कर रही है। पिछली सरकारों ने प्रयास किए, लेकिन उसके परिणाम नहीं मिले। जम्मू कश्मीर के साथ न्याय नहीं हुआ। अब जाकर वहां के लोगों को न्याय मिला है। दलितों और पिछड़ों को लाभ मिलेगा। अलगाववाद, आतंकवाद और परिवारवाद दूर होगा।

एक देश एक संविधान
पूरा देश जम्मू कश्मीर पर लिए गए सरकार के निर्णय के साथ है। लेकिन कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं। वह इसकी पैरवी कर रहे हैं। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने बहुमत के बाद भी इस अनुच्छेद को स्थायी क्यों नहीं किया। जबकि इस अनुच्छेद के हटने से ‘एक देश एक संविधान’ संभव हुआ। इसके पहले ‘वन नेशन वन टैक्स, वन नेशन वन ग्रिड’ को लागू किया गया। अब ‘एक देश एक चुनाव’ पर चर्चा चल रही है। ये प्रयास ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का निर्माण करेगा।

जल जीवन मिशन योजना
पिछले पांच वर्षों में गरीबी कम करने का प्रयास तेज गति से हुआ है। गरीब बंधु गरीबी से लड़ने की क्षमता रखते हैं। सरकार उनके लिए माहौल बना रही है। इसी क्रम में बैंकों में उनके जनधन खाते खोले गए, शौचालय बनाए गए, आवास बनाए जा रहे हैं। उनके घरों में पेयजल पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। जल जीवन मिशन योजना शुरू होगी। साढ़े तीन अरब रुपये से यह योजना संचालित होगी। पानी की बर्बादी रोकी जाएगी। पानी का संरक्षण किया जाएगा। इस दिशा में जो कार्य सात दशकों में नहीं हुआ, उससे चार गुना ज्यादा काम पांच वर्षों में होगा। प्राचीन संतों ने भी जल संरक्षण का संदेश दिया। एक संत ने तो सौ वर्ष पहले लिखा था कि पानी दुकानों में मिलेगा। यह स्थिति आ गई है। अब हमको जल प्रबंधन करना है। जनसंख्या विस्फोट संकट बढ़ाने वाला है। देश का जागरूक वर्ग इस बात को समझता है। यह वर्ग शिशु जन्म से पहले उसको मिलने वाले अधिकारों व सुविधाओं का आकलन करता है। ऐसे लोग सम्मान के हकदार हैं। ये देश के हित के बारे में सोचते हैं। ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

पिछले कार्यकाल में औसतन प्रतिदिन एक अनुपयोगी कानून हटाए गए। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में अभूतपूर्व सफलता मिली। आमजन के जीवन को भी सरकार ने आसान बनाने का प्रयास किया है। भारत को विकसित बनाया जाएगा। दो लाख करोड़ रुपये तकनीकी ढांचागत निर्माण में खर्च किया जाएगा। पहले कागज पर निर्णय भी हो जाते थे। अब नागरिकों की सोच बदली है। अब बढ़िया रेलवे स्टेशन बनने के बाद नागरिक पूछते हैं कि हवाई अड्डा कब बनेगा, पक्की सड़क बनती है, तो लोग पूछते हैं कि कितने लेन की बनेगी। अब वह बिजली के खंभे मात्र को देखकर संतुष्ट नहीं होता। बिजली की उपलब्धता भी होनी चाहिए। यह सोच सरकार को प्रेरणा देते हैं। पहले सरकारें बताती थीं कि किस क्षेत्र को क्या दिया, अब देश के लिए क्या हुआ इस पर कार्य हो रहा है। किसानों की आय दोगुनी होगी, सबके पास मकान होगा, प्रत्येक घर में बिजली, शौचालय होगा। प्रत्येक जिले निर्यात का हब बनेगा, किसान भी निर्यातक बनेगा, सबको स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, पर्यटन को विश्व स्तरीय बनाया जाएगा।

दुनिया भारत को नए ढंग से देखने को तैयार है। वैज्ञानिकों को सुविधा मिलेगी, सेना को पर्याप्त संसाधन मिलेगा, इन सब प्रयासों से भारत विकसित बनेगा। महंगाई को नियंत्रित रखकर विकास किया जाएगा। विश्व अब भारत के साथ व्यापार व निवेश बढ़ाने को उत्सुक है। हमको इसका लाभ उठाना है। भारत के उद्योगपति भी निवेश को तैयार हैं। नकारात्मक मान्यताएं समाप्त होंगी। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को देश के सर्वांगीण विकास का अवसर बनाया जाएगा।
[स्वतंत्र टिप्पणीकार]

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