हरियाणा, जगदीश त्रिपाठी। हरियाणा हर जंग में अग्रिम पंक्ति पर लड़ता है। युद्ध चाहे देश की सीमा पर हो या फिर किसी विभीषिका से। इन दिनों कोरोना की महामारी से पूरा देश जूझ रहा है। हरियाणा भी कोरोना को हराने में पूरी शिद्दत से जुटा है। वह इसे पीछे धकेल भी रहा है। अभी तक कोरोना के 42 फीसद मरीज ठीक हो चुके हैं। यह अनुपात पूरी दुनिया में अभी तक अधिकतम है। इसका श्रेय यहां के चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को तो जाता है ही, उन लोगों की अदम्य जिजीविषा को भी जाता है, जिन्होंने संक्रमित होने के बाद भी हार नहीं मानी और पूरी शक्ति के साथ कोविड-19 का मुकाबला किया। उस पर बीस पड़े। इसके साथ ही यह प्रदेश के पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों और आमजनों के संकल्प का भी सुफल है।

यह इस बात का भी प्रमाण है कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज से तब्लीगी जमात के लोगों ने गैर जिम्मेदाराना रवैया न दिखाया होता तो अब तक हरियाणा कोरोना को परास्त कर भगा चुका होता। हारेगा तो अब भी। भागेगा अब भी, बस कुछ समय और लग जाएगा। हरियाणा के लोग अपने कर्तव्य के प्रति कितने गंभीर हैं। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि आम आदमी तो अपनी जमा पूंजी से बड़ी रकम कोरोना राहत कोष में दे ही रहा है, यहां की ग्राम पंचायतें तो करोड़ों की रकम इसमें दे रही हैं।

31 मार्च को इसकी शुरुआत की थी भिवानी की डाडम ग्राम पंचायत ने एक करोड़ रुपये देकर। इसके बाद तो पंचायतों में कोरोना राहत कोष में योगदान देने की होड़ लग गई। पानीपत की ग्राम पंचायत बाल जाटान ने साढ़े दस करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में देकर कोरोना को पराजित करने की दिशा में शानदार प्रहार किया तो गुरुग्राम की पलड़ा ग्राम पंचायत ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इनके अतिरिक्त पानीपत की ही गांव डाहर की पंचायत ने एक करोड़ 11 लाख रुपये, बलाना की पंचायत ने एक करोड़ रुपये, बोहली की पंचायत ने 50 लाख रुपये, ददलाना की पंचायत ने 50 लाख रुपये और सुताना की पंचायत ने 21 लाख रुपये मुख्यमंत्री कोरोना राहत कोष में दिए हैं।

विज का चिंतन काबिले तारीफ : जो सकारात्मक सोच वाले होते हैं, उनका दृष्टिकोण सदैव सकारात्मक ही रहता है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को ही लें। कोरोना से जूझने में जो तीन विभाग अग्रिम मोर्चे पर हैं उन तीनों के कमांडर विज ही हैं। विज गृह मंत्री भी हैं। स्वास्थ्य मंत्री भी हैं और स्थानीय निकाय मंत्री भी हैं। विज को पूरा भरोसा है कि हरियाणा कोरोना को मसल कर रख देगा। कोरोना से तो वह अच्छी उम्मीदें भी जताते हैं। 18 अप्रैल को उन्होंने ट्वीट किया कि कोरोना से कुछ अच्छी उम्मीदें भी हैं। कोरोना के बाद शायद लोग हाथ मिलाना और गले मिलना छोड़कर हाथ जोड़कर नमस्ते करना शुरू कर दें और सड़क पर थूकने की आदत छोड़ दें। वैसे विज कोरोना से निपटने के लिए विधानसभा में भी हाथ मिलाने और गले मिलने की जगह एक-दूसरे का हाथ जोड़कर अभिवादन करने की सलाह पहले ही दे चुके हैं।

यह बात अलग है कि उस समय विपक्ष के कुछ विधायकों ने विज की बात को हंसी में टाल दिया था। अपने अक्खड़ और फक्कड़ अंदाज के लिए विख्यात विज 2015 में स्वाइन फ्लू फैलने के दौरान भी विधानसभा में अंग्रेजियत छोड़ो, भारतीयता अपनाओ का नारा देते हुए हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर अभिवादन करने की आवाज बुलंद कर चुके थे। वैसे विज की बात है सोलह आने सही। मनोविज्ञानी कहते हैं कि व्यक्ति लगातार कुछ करे तो वह उसकी प्रवृत्ति में शामिल हो जाता है। अब लॉकडाउन तो इक्कीस दिन से बहुत आगे चला गया है। लोग सड़कों पर थूकने से बच रहे हैं। खाना खाने से पहले और बाद में तथा कोई भी काम करते हुए लोग हाथ धो रहे हैं। योग एवं व्यायाम कर रहे हैं। परिवार के साथ समय गुजार रहे हैं। यह एक तरह से उनकी प्रवृत्ति बनती जा रही है। फिलहाल अगले दो माह तक स्कूल खुलने के भी कोई आसार नहीं है। लिहाजा प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई आरंभ कर दी है। जाहिर है इसके साथ ही बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई की भी आदत बन जाएगी। कुछ पढ़ाई टीवी के जरिये हो रही है। चंडीगढ़ सरीखे शहर में शिक्षक ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। स्कूलों के साथ ही कॉलेजों में भी यह व्यवस्था शुरू हो सकती है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह हालांकि ऐसी पहल कर चुके हैं। स्पष्ट है कि अब जोर ऑनलाइन पर ही होगा।

सावधानी हटी दुर्घटना घटी : 20 अप्रैल से सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में ढील दे दी है। यह आवश्यक भी था, लेकिन जैसी उम्मीद थी, वैसा नहीं हुआ। सरकार ने सोचा था कि लोग नियमों का पालन करते हुए शारीरिक दूरी बनाकर जरूरत पर ही निकलेंगे और सजग रहेंगे, लेकिन जगह-जगह मानक नियमों का उल्लंघन हुआ और भीड़ लग गई। फसल खरीद के लिए मंडियां भी खुल चुकी हैं। वहां भी नियम टूट रहे हैं। सरकार के लिए यह स्थिति चिंताजनक है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि जल्द ही इस पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।

[हरियाणा राज्य डेस्क प्रभारी]