Budget 2020: कृषि और ग्रामीण विकास पर सरकार का फोकस, पैदावार के प्रबंधन से बढ़ेगी किसानों की आमदनी
Budget 2020 खेती की उपज को अधिक दिनों तक टिकाऊ बनाने से उसकी कीमत ज्यादा मिलती है। इस अवधारणा को अमल में लाते हुए किसानों की आय को तेजी से बढ़ाया जा सकता है।
[ब्रजेश झा]। आम बजट में केंद्र सरकार ने कृषि और ग्रामीण विकास पर पर्याप्त ध्यान दिया है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। वैसे अब तक की सरकारों ने किसानों की आमदनी बढ़ाने का जो प्रयास किया है उसे 'ऊंट के मुंह में जीरा' के समान ही कहा जा सकता है। वैसे भी व्यावहारिक तौर पर इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार के ही 'एनएसएसओ' के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2001 से 2011 के एक दशक के दौरान किसानों की आमदनी महज डेढ़ फीसद से अधिक नहीं बढ़ाया जा सका, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि सरकार अब इस दिशा में पूरी तत्परता से प्रयासरत है। इसे साकार करने के लिए 'नीति आयोग' ने मार्च 2017 में 'डबलिंग फार्मर्स इन्कम- रेशनल, स्ट्रेटजी, प्रोस्पेक्ट्स एंड एक्शन प्लान जारी किया था।
इस दिशा में सरकार अब एक्शन मोड में दिख रही है। इसके लिए पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट यानी उपज के बाद अनाज के प्रबंधन पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है जिसके तहत वेयरहाउस और एग्री मार्केट को उदार बनाया जाएगा। खेती को प्रतिस्पर्धी बनाने से भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी, लेकिन इसमें देखने वाली बात यह है कि इसके प्रतिस्पर्धी होने का स्वरूप कैसा होगा।
किसानों की आय को तेजी से बढ़ाया जा सकता है
खेती की उपज को अधिक दिनों तक टिकाऊ बनाने से उसकी कीमत ज्यादा मिलती है। इस अवधारणा को अमल में लाते हुए किसानों की आय को तेजी से बढ़ाया जा सकता है। यह एक ऐसा विचार है जिससे किसानों की आमदनी को बढ़ाने की व्यापक गुंजाइश है, लेकिन केवल इसी के माध्यम से उनकी आय दोगुनी हो जाएगी ऐसा भी नहीं कहा जा सकता।
पीपीपी मॉडल के जरिए किसा रेल
जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं के लिए एक अबाधित राष्ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए भारतीय रेल पीपीपी मॉडल के जरिये 'किसान रेल' चलाएगी। इसके लिए एक्सप्रेस ट्रेनों और मालगाडि़यों में विशेष प्रकार के एसी कोच लगाए जाएंगे। इससे लीची और आम जैसे जल्द नष्ट होने वाले फलों समेत अन्य कृषि उत्पादों को समय रहते देश के बड़े नगरों- महानगरों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा जहां उनकी कीमत अपेक्षाकृत अधिक मिल सकती है। इससे किसानों को फायदा होगा। साथ ही देश के पूर्वोत्तर इलाके व जनजातीय जिलों में कृषि उत्पादों को अधिक कीमत मुहैया कराने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से 'कृषि उड़ान' योजना शुरू होने का फायदा भी किसानों को मिलेगा।
ऑर्गेनिक उत्पादों की अधिक कीमत
जहां तक खेती को ऑर्गेनिक बनाने की बात है तो यह सही है कि ऑर्गेनिक उत्पादों को अधिक कीमत मिलती है, लेकिन इन उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए संबंधित सरकारी एजेंसियों तक किसानों की पहुंच आसान नहीं होती, लिहाजा इस समस्या को समझना होगा और इस पहुंच को अधिक आसान बनाना होगा ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान ऑर्गेनिक खेती को अपनाने की ओर उन्मुख हो सकें।
देश के सौ जिलों में सिंचाई की सुविधा को बेहतर बनाने से जलाभाव वाले जिलों में फसलों को समय पर पानी मिल सकेगा, लेकिन इसमें महत्वपूर्ण यह होगा कि इस योजना को कैसे कार्यान्वित किया जाएगा।
(प्रोफेसर, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ)