[ अनिल आजाद पांडेय ]: जब चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस के संक्रमण की खबर आई थी तो किसी को अंदाजा नहीं था कि कुछ ही दिनों में यह 2,300 से अधिक लोगों की जान ले लेगा। अब तो चीन के साथ कई और देश इसकी चपेट में आ चुके हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि चीन में वायरस से प्रभावित नए मामलों की संख्या में कमी दर्ज हो रही है। चीन इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए तत्परता से कदम उठा रहा है, लेकिन स्थिति सामान्य होने में कुछ वक्त लग सकता है, विशेषकर सबसे अधिक प्रभावित हूबेइ प्रांत में।

अधिकांश देशों ने चीन से आने वाली अपनी सीधी उड़ानें बंद कर दी

कोरोना के खतरे को देखते हुए अधिकांश देशों ने चीन से आने वाली अपनी सीधी उड़ानें बंद कर दी हैं। इसके साथ ही अपने नागरिकों को चीन का दौरा न करने की सलाह भी दी है। भारत ने भी एहतियात के तौर पर अपनी विमान सेवाएं रोक दी हैं। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों से अपील की है कि वे चीन के साथ आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित न करें, क्योंकि इससे व्यापक आर्थिक नुकसान होने की आशंका है।

चीन के साथ बेवजह व्यापार बाधित न करें

यह चीनी कहावत सही साबित हो रही है कि जब चीन को छींक आती है तो पूरी दुनिया को ठंड लग जाती है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और विश्व के कारखाने के रूप में जाना जाता है। एक ऐसे समय जब विश्व अर्थव्यवस्था सुस्ती का शिकार है तब कोरोना वायरस के कहर से खतरा और गहरा गया है। इसी कारण यह कहा जा रहा है कि दूसरे देश सावधानी जरूर बरतें, लेकिन चीन के साथ बेवजह व्यापार बाधित न करें।

कोरोना वायरस का कहर

कोरोना वायरस के कहर के चलते कई दिनों चले लॉकआउट से चीन में तेल और खनिज पदार्थों की मांग में काफी कमी आई है। इसका सीधा असर सऊदी अरब, ईरान और रूस के तेल निर्यात पर पड़ रहा है। इसी तरह भारत, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया आदि को होने वाले लौह अयस्क के निर्यात पर भी प्रभाव दिख रहा है। भारत दवाएं तैयार करने के लिए चीन से बड़ी मात्रा में कच्चा माल तो आयात करता ही है, अन्य वस्तुओं के लिए भी चीन पर निर्भर है।

चीन में उद्योगों में उत्पादन बहाल नहीं हुआ तो इसका खामियाजा दुनिया को भुगतना पड़ सकता है

अगर चीन में समय पर सभी उद्योगों में उत्पादन बहाल नहीं हुआ तो इसका खामियाजा भारत समेत दुनिया के कई देशों को भुगतना पड़ सकता है। चीन की ओर से यह अपील की गई है कि भारत और उसके बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही जारी रहनी चाहिए।

चीनी राजदूत ने की सहयोग देने के लिए भारत की सराहना

भारत में चीनी राजदूत सुन वेइतुंग ने वायरस के खिलाफ संघर्ष में सहयोग देने के लिए भारत की सराहना की है। भारत चीन को मेडिकल सामग्री भी भेज रहा है। इसमें दस्ताने, मॉस्क और अन्य आवश्यक चीजें शामिल हैं। मुसीबत की इस घड़ी में पड़ोसी का फर्ज निभाकर भारत चीन के साथ रिश्तों को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकता है।

चीन कोरोना वायरस के साथ-साथ अफवाहों से भी परेशान

चीन कोरोना वायरस के साथ-साथ उससे जुड़ी अफवाहों से भी परेशान है। एक कोरी अफवाह यह फैली थी कि चीन सरकार हजारों लोगों को मारने की तैयारी में जुटी है। चीन में विशेषज्ञ अभी तक इस पर एकमत नहीं हो सके हैं कि आखिर कोरोना वायरस आया कहां से? चमगादड़ या किसी अन्य जंगली जानवर से इंसानों में इस वायरस के प्रवेश के दावे का परीक्षण होना अभी शेष है। इस वायरस का स्रोत जो भी हो, इसे शुरुआत में पहचानने में गलती या कहें बड़ी लापरवाही हूबेइ की स्थानीय सरकार द्वारा की गई।

शुरुआती चरण में रोकने के लिए उचित उपाय नहीं किए गए

जब वायरस का प्रसार अपने शुरुआती चरण में था तो उसे रोकने के लिए उचित उपाय नहीं किए गए। एक युवा डॉक्टर जिसने इस बारे में आगाह किया था उसकी बात नहीं सुनी गई। कुछ दिन पहले उसकी मौत हो गई। चीनी केंद्रीय नेतृत्व ने लापरवाही बरतने के आरोप में हूबेइ के रोग नियंत्रण विभाग के बड़े अधिकारियों की छुट्टी कर दी है और वुहान के मेयर को भी हटा दिया है। चीनी सरकार का दावा है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच जारी है। चीन कोरोना वायरस पर काबू करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहा है। इस वक्त अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चीन का साथ देने की जरूरत है।

( र्बींजग में रह रहे लेखक चाइना मीडिया ग्रुप में वरिष्ठ पत्रकार हैं )