सनातन के अपमान का षड्यंत्र, किसी ग्रंथ के एक वाक्य या शब्द को संदर्भ से काटकर उनकी निंदा करना घोर नासमझी

जब मनुस्मृति के निंदकों से पूछा जाता है कि क्या उन्होंने ‘मनुस्मृति’ पढ़ी है? तो अधिकांश का उत्तर ‘नहीं’ में होता है। वे केवल यही कहते हैं कि उसमें शूद्रों या स्त्रियों के बारे में कुछ आपत्तिजनक सुना है।