डॉ. हर्षवर्धन। कोविड-19 के कारण दुनिया एक गंभीर स्वास्थ्य संकट के दौर से गुजर रही है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय) की महत्ता और बढ़ गई है। दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक वित्त पोषित स्वास्थ्य आश्वासन योजना के तहत 10.74 करोड़ परिवारों यानी 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा दी जा रही है। इस योजना ने भारत में गरीबों और वंचितों को उपचार का एक अभूतपूर्व विकल्प उपलब्ध कराया है। प्रधानमंत्री ने 23 सितंबर 2018 को रांची से पीएम-जय का शुभारंभ करते हुए कहा था, ‘आज हम सभी उस विशेष अवसर के साक्षी बन रहे हैं जिसका आकलन भविष्य में मानवता की बहुत बड़ी सेवा के रूप में होना तय है।’

प्रधानमंत्री ने जो संकल्प लिया था, उसे पूरा करने की दिशा में पूरी टीम ने अल्पावधि में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 19 मई, 2020 को जब इस योजना के अंतर्गत एक करोड़वां उपचार उपलब्ध कराया गया, तब प्रधानमंत्री ने एक अभिभावक के रूप में अपनी शुभकामना दी। यह शुभकामना उन्होंने न केवल लाभार्थियों को, बल्कि आयुष्मान भारत योजना से जुड़े तमाम चिकित्सक, नर्स एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी दी।

बच्चों को मुफ्त एवं गुणवत्तायुक्त उपचार : व्यक्तिगत रूप से मैं बहुत सारे लाभार्थियों से बातचीत करता रहता हूं। उनके सुख-दुख के पलों को बहुत करीब से देखा-सुना और महसूस किया है। बहुत से उदाहरण मेरे सामने घूम रहे हैं। एक किस्सा पंजाब के किसान दर्शन सिंह का है। उनकी पत्नी ने तीन शिशुओं को समय पूर्व जन्म दिया। उन बच्चों को नवजात गहन चिकित्सा कक्ष की जरूरत थी। दर्शन सिंह के लिए इस इलाज का खर्च उठा पाना संभव नहीं था। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इन बच्चों को मुफ्त एवं गुणवत्तायुक्त उपचार प्राप्त हुआ।

तमिलनाडु के एम हेमंत का एक दुर्घटना में पैर बुरी तरह जख्मी हो गया। उनके इलाज के लिए जितने पैसे की जरूरत थी, वह उनके पिता नहीं दे सकते थे। लेकिन इस योजना की मदद से उन्हें एक नई जिंदगी मिली। ऐसे बहुत से गरीबों को इस योजना से मदद मिली है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि व्यक्ति को गंभीर बीमारियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं पर व्यक्तिगत रूप से खर्चा करना पड़ता है तो आíथक रूप से उपलब्ध कराई गई सभी मदद कम पड़ जाती है। इसी को केंद्र में रखते हुए इस योजना की परिकल्पना की गई थी। आज जब इस यात्र को संकल्प से सिद्धि की ओर बढ़ते हुए देखता हूं तो हर्ष के साथ गर्व भी होता है कि गढ़ते हुए इतिहास का मैं किरदार भी हूं, और साक्षी भी।

हमारे समाज में महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। पीएम-जय की बड़ी सिद्धि है कि उसने अब तक करीब 40 लाख महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की है। योजना के सभी अस्पतालों में ‘आरोग्य मित्र’ तैनात हैं। ये योजना के लाभाíथयों का पंजीकरण और मार्गदर्शन करते हैं। इससे देश भर में हजारों युवक-युवतियों को रोजगार मिला है। 20 मई, 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार आयुष्मान भारत पीएम-जय के अंतर्गत 13,433 करोड़ रुपये का निशुल्क उपचार किया जा चुका है। इसमें से 54 फीसद खर्च गंभीर बीमारियों मसलन हृदय संबंधी रोग, कैंसर व हड्डी संबंधी रोगों समेत अन्य रोगों पर किया गया है।

यह योजना बहुत ही तीव्र गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। अभी तक 12.46 करोड़ लोगों ने आयुष्मान भारत का ई-कार्ड बनवा लिया है। इसमें 91 फीसद ‘आधार’ सत्यापित हैं। अर्थात ये व्यक्ति और उनके परिवार जब चाहें योजना के तहत सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकते हैं। इस योजना के तहत स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने की व्यापकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रत्येक तीन सेकेंड में सात आयुष्मान ई-कार्ड बन रहे हैं। इस योजना के तहत प्रति मिनट अस्पताल में भर्ती के 10 मामले पंजीकृत किए जा रहे हैं। इन आंकड़ों को अगर दिन के आधार पर देखें तो इस योजना के अंतर्गत अस्पतालों में रोजाना 16,557 लोग उपचार के लिए भर्ती हो रहे हैं। शल्य चिकित्सकीय मामलों की बात की जाए तो प्रत्येक दिन 6,578 सर्जकिल मामले सामने आ रहे हैं। अभी तक 39.7 लाख से ज्यादा शल्य चिकित्सकीय मामलों का उपचार किया जा चुका है।

कोविड-19 जैसी परिस्थिति में इस योजना की महत्ता उस समय विशेष रूप से परिलक्षित होती है, जब हम प्रवासियों की समस्याओं की ओर अपना ध्यान ले जाते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि योजना के तहत लाभार्थी अपने निवास स्थान ही नहीं, बल्कि भारत के किसी भी कोने में मुफ्त स्वास्थ्य लाभ की सेवा प्राप्त कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत अभी तक एक लाख से ज्यादा प्रवासी लोगों को पोर्टििबलिटी सेवा के माध्यम से उपचार प्राप्त हुआ है। इसमें 76,832 उपचार केवल मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड एवं पंजाब के निवासियों ने प्राप्त किया है। आयुष्मान भारत के सिपाही भी देश के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए तत्परता से जुटे हैं। देश के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाने की हरसंभव कोशिश हम कर रहे हैं। उम्मीद है कि देश-दुनिया पर आया कोविड-19 रूपी संकट जल्द खत्म होगा, अंधेरा छटेगा और उजियारे का भारत आयुष्मान होगा।

[स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार]