[सतीश श्रीवास्तव]। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने कुश्‍ती के मैदान से स्वर्ण पदक अर्जित कर भारत की झोली में डाले तो नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में रिकार्ड कायम करते हुए भाला गाड़ दिया है। भारत के खाते में आए 41 पदकों में अब तक आठ गोल्ड, 13 सिल्वर और 20 ब्रांज मेडल हैं। सोनीपत के बजरंग पूनिया, भिवानी की विनेश फोगाट और पानीपत के नीरज चोपड़ा सहित देश के खाते में पदकों की बौछार करने वालों में प्रदेश के खिलाड़ियों ने गौरवपूर्ण इतिहास रचा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि जकार्ता से इनकी वापसी पर कॉमनवेल्थ खेलों के पुरस्कारों के साथ ही एशियन गेम्स के लिए भी उन्हें बिना देरी सम्मानित कर दिया जाएगा।

मिर्चपुर कांड में सजा

हिसार के मिर्चपुर गांव में कुत्‍ते के भौंकने को लेकर बढ़े विवाद में आगजनी तथा दिव्यांग किशोरी व उसके पिता की आग में जलकर मौत के मामले में 33 लोगों को सजा सुनाई गई है। इनमें 12 को उम्रकैद हुई है। वर्ष 2011 में निचली अदालत ने 15 लोगों को सजा सुनाते हुए 82 को बरी कर दिया था। एक जाति विशेष के लोगों को हिंसा के तांडव के लिए दोषी माना गया था। वर्ष 2010 की इस घटना पर दिल्ली हाइ कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर गांव में तनावपूर्ण माहौल है। ऐसे में सामाजिक सौहार्द्र का माहौल कायम रखने के लिए हर स्तर पर पहल की जरूरत है।

मनोहर राज और राजनीति

प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब फ्रंटफुट की राजनीति में उतर आए हैं। दूर की कौड़ी वाली। किसानों के नेता चौधरी देवीलाल की विरासत पर चार में से सिर्फ एक भाई के कब्जे पर ही सवाल उठा दिया है। 25 अगस्त को सिरसा के डवबाली में रैली कर ओम प्रकाश चौटाला और उनके परिवार पर सीधा प्रहार किया तो देवीलाल को किसानों का मसीहा बताते हुए क्षेत्र की जनता की भावनाओं के प्रति सम्मान भी दिखाया।

चौटाला परिवार की दांत घिसाई वाली राजनीति जरूर चर्चा का विषय बन गई है। आरोप लगता रहा है कि चौटाला अपने राजकाल में जहां भी चाय पीते थे वहां से चाय के कारण दांतों को हुए नुकसान की भरपाई भी ले लिया करते थे। विकल्प के रूप में देवीलाल के पौत्र आदित्य चौटाला को पेश किया है। यह वही आदित्य हैं जिन्होंने महीने के शुरू में तैयारी रैली के दौरान भाजपा के एक नेता को अपने दादा के खिलाफ बयानबाजी करने पर पीट डाला था। अर्थात देवीलाल की विरासत से लगाव वाला युवा नेता भाजपा के साथ है। यही है न राजनीति!

छात्र संघ चुनाव की तैयारी

प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में 22 साल बाद छात्र संघ चुनाव होने जा रहे हैं। राज्य सरकार ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मांग को स्वीकार करते हुए सितंबर और अक्टूबर महीने में चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। वर्ष 1996 में भाजपा के समर्थन से सत्तारूढ़ चौधरी बंसीलाल की सरकार ने ही प्रदेश में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई थी।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला और भिवानी से भाजपा सांसद धर्मबीर छात्र संघ की राजनीति से निकले हैं। आशंका जताई जा रही है कि इसकी वजह से कालेज और विश्वविद्यालयों में संघर्षपूर्ण माहौल भी बन सकता है। इसके मद्देनजर सुझाव भी आया है कि क्यों न ऑनलाइन ही वोटिंग करा ली जाए ताकि मतदाता बिना खौफ और परेशानी के अपने प्रतिनिधि का चुनाव कर लें।

कांग्रेस की साइकिल यात्रा की हवा निकली

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर की साइकिल यात्रा की सोनीपत में हवा निकल गई है। उनकी रैली में फंसने के कारण एक बच्चे की मौत के बाद स्थितियां बिगड़ गईं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की जांच में दोषी ठहराए जाने के बाद तंवर नैतिक रूप से परेशानी में हैं। उधर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जनक्रांति रैलियां भी राजनीतिक दखल की दावेदारियां पेश करती रही हैं।

कांग्रेस के कोर ग्रळ्प में हरियाणा के प्रतिनिधियों की संख्या सिर्फ गुटबाजी का ही प्रतिनिधित्व नहीं करती, केंद्रीय नेतृत्व के साथ नजदीकी और भरोसे का भी दावा पेश करती हैं। रणदीप सूरजेवाला, कुमारी सैलजा, किरण चौधरी, कुलदीप विश्नोई भविष्य के लिए अपनी-अपनी दावेदारी पर कायम हैं।

[समाचार संपादक, पानीपत]