बदलाव के 2 साल
काम बोलता है। तभी तो मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर किए गए तमाम सर्वे उनकी जय-जयकार कर रहे हैं।
एक पुरानी कहावत है कि काम प्यारा है, चाम नहीं। यानी अगर कोई मान-सम्मान, प्यार और प्रशंसा का हकदार बनता है तो इसके पीछे उसका काम होता है। काम बोलता है। तभी तो मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर किए गए तमाम सर्वे उनकी जय-जयकार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सभी क्षेत्रों में सब कुछ ठीक ही है लेकिन विरासत में सरकार को जो चीजें जिस दिशादशा में मिली हैं, उन्हें दो साल में दुरुस्त करने की अपेक्षा थोड़ी बेमानी भी लगती है। फिर भी अब तक जितना काम हुआ है, कुछ विशेषज्ञ तो इसे किसी सरकार द्वारा पांच साल में किए जाने
वाले काम के तौर पर देख रहे हैं।
1. मेक इन इंडिया
शुरुआत: सितंबर, 2014
स्थिति: 2015-16 के दौरान देश में 51 अरब डॉलर की एफडीआइ आई। यह 2014-15 के 44.29 अरब डॉलर से 15.1 फीसद अधिक है।
स्टार्ट अप इंडिया
शुरुआत: जनवरी, 2016
स्थिति: 30 कंपनियों के वित्तीय अनुरोध सरकार ने स्वीकारे हैं लेकिन अभी तक धन वितरित नहीं किया गया है।
स्टैंड अप इंडिया
शुरुआत: अप्रैल, 2016
स्थिति: प्रत्येक बैंक शाखा (1.25 लाख कुल शाखाएं) से कम से कम एक अनुसूचित जाति उद्यमी या अनुसूचित जनजाति के उद्यमी को और न्यूनतम एक महिला उद्यमी को 10 लाख से एक करोड़ बैंक ऋण दिए जाने में सरकार मदद करेगी।
उजाला योजना
शुरुआत: मई, 2015
स्थिति: 10 करोड़ से 'यादा एलईडी बल्बों का वितरण हुआ। इससे 40 हजार करोड़ सालाना की बचत प्रधानमंत्री जन-धन योजना शुरुआत: अगस्त, 2014 स्थिति: 11 मई, 2016 तक करीब 22 करोड़ खाते खुले। इनमें 37,616 करोड़ रुपये जमा
कौशल विकास और कौशल भारत
शुरुआत: जुलाई, 2015
स्थिति: 2022 तक 40.2 करोड़ को हुनरमंद बनाने का लक्ष्य। 2015-16 में करीब 29 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया (अक्टूबर, 2015 तक) गया। साल के लक्ष्य में से 23.64 फीसद ही पाया जा सका।
स्मार्ट सिटीज मिशन
शुरुआत: जून, 2015
स्थिति: 25 मई, 2016 तक 100 स्मार्ट शहरों में से 33 के लिए स्वीकृति मिल चुकी है।
3. डिजिटल इंडिया
शुरुआत: जुलाई, 2015
स्थिति: 4.5 लाख करोड़ की अनोखी पहल।
सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी। नागरिकों को प्रशासन और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी। 50,400 ग्राम पंचायतों को 1,40,751 किमी लंबी आप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा गया।
स्वच्छ भारत अभियान
शुरुआत: अक्टूबर 2014
स्थिति: 2019 तक 11 करोड़ नए शौचालय बनाने
का लक्ष्य। अब तक 80 लाख नए शौचालय बनाए गए।
उज्जवल डिस्कॉम एश्युरेंस योजना
शुरुआत: नवंबर, 2015
स्थिति: दस राज्यों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
आठ राज्य 1.11 लाख करोड़ के बांड पिछले वित्तीय वर्ष में जारी कर चुके हैं।
अटल पेंशन योजना
शुरुआत: मई, 2015
स्थिति: अब तक करीब 27 लाख लोग इस स्कीम
के तहत पंजीकरण करा चुके हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना
शुरुआत: जून, 2015
स्थिति: ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कैबिनेट ने 80 हजार करोड़ की स्वीकृति दी है।
5. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम 'योति योजना
शुरुआत: जुलाई, 2015
स्थिति: 76 हजार करोड़ से शुरू। करीब छह लाख
गांवों का विद्युतीकरण हुआ।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
शुरुआत: मई, 2015
स्थिति: 13 मई, 2016 तक करीब 9.5 करोड़ लोग नामांकित। पांच हजार से अधिक क्लेम ले चुके हैं।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
शुरुआत: जून, 2015
स्थिति: अब तक 2.96 करोड़ नामांकन हो चुके हैं।
13 मई, 2016 तक 26,567 क्लेम किए जा चुके हैं।
नमामि गंगे
शुरुआत: मई, 2015
स्थिति: दिसंबर, 2015 तक शोधन क्षमता बढ़ाने को 7350.38 करोड़ की 93 योजनाओं को हरी झंडी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
शुरुआत: जनवरी, 2015
स्थिति: सरकारी दावों में 49 जिलों में लैंगिक अनुपात बढऩे की बात कही जा रही है।
गिव इट अप शुरुआत: मार्च, 2015
स्थिति: एक करोड़ से अधिक लोग अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ चुके हैं। 5178 करोड़ रुपये की बचत प्रधानमंत्री उज्वला योजना
शुरुआत: मई, 2016
स्थिति: गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले पांच करोड़ लोगों को एलपीजी कनेक्शन दिए जाने की योजना मुद्रा योजना शुरुआत: अप्रैल, 2015
स्थिति: 1.25 लाख करोड़ रुपये पिछले साल के दौरान वितरित करने का दावा।